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ऑपरेशन सिंदूर या ऑपरेशन सस्पेंस? बीजेपी का रहस्यवादी राष्ट्रवाद

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देश की राजनीति में जब विदेश नीति और सुरक्षा का मामला उठता है, तो नेता गंभीरता दिखाने की उम्मीद रखते हैं। लेकिन नए घटनाक्रम ने सबको चौंका दिया है। “ऑपरेशन सिंदूर” का नाम मीडिया में छाया हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सीधे पूछा- “पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर का पता क्यों दिया गया? पूरे देश को सच्चाई जानने का अधिकार है।” सोचिए, ऑपरेशन का नाम तो सिंदूर है, पर बीजेपी इसे भी रहस्यमय मिशन की तरह पेश कर रही है, जैसे यह कोई पुराणिक दस्तावेज हो, जिसकी जानकारी देशद्रोह का कारण बनती हो!

बिल्कुल नई तरह का राष्ट्रवाद

बीजेपी का राष्ट्रवाद अब पाउच की तरह हो गया है- हर बार अलग स्वाद। जब विपक्ष सवाल करता है, तो कहा जाता है- “यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, चुप रहिए।” और चुनाव सामने हो, तो ऑपरेशन की जानकारी ट्रेलर की तरह जारी कर दी जाती है, म्यूजिक के साथ। अगर यह सही में पाकिस्तान तक पहुंचा है, तो सवाल जायज है- “किसने और क्यों बताया?” आजकल बीजेपी का चुप रहना इतनी ताकतवर हो गई है कि वह सवाल करनेवालों को देशद्रोही कहकर खड़ा कर देती है।

अस्तित्व में पारदर्शिता सिर्फ विपक्ष के लिए?

जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब बीजेपी हर फैसले पर कहती थी- “देश को सच्चाई बताइए।” अब जब राहुल गांधी वही सवाल करता है, तो बीजेपी की प्रतिक्रिया होती है- “यह देशद्रोह है, यह सुरक्षा का उल्लंघन है।” पारदर्शिता अब सिर्फ विपक्ष के लिए है। सत्ता पक्ष का बोलना राष्ट्रहित है।

ऑपरेशन या प्रचार का खेल?

अगर ऑपरेशन सिंदूर सच में कोई गुप्त मिशन था, तो यह पाकिस्तान को क्यों और कैसे पता चला? या यह बस कागजी कार्रवाई थी- जिसका मकसद राजनीतिक लाभ लेना हो। या फिर सरकार की सुरक्षा में कोई बड़ी चूक हुई है। दोनों ही हालात में जवाब बनता है। लेकिन बीजेपी का तरीका साफ है—पहले प्रचार, फिर जवाब (अगर कभी दो तो)।

जयशंकर का मौन

एस. जयशंकर ने अभी तक इस मामले में कोई मजबूत बात कम और मजबूरी भारी बात ज्यादा नजर आती है। शायद वे सोच रहे हैं- “जब वादे से ज्यादा चुप्पी से काम निकल जाता है, तो ज्‍योत क्यों जलाई जाए?” उनका फॉर्मूला है- “राहुल बोले, तो गंभीरता छोड़ दो; जनता पूछे, तो बात बदल दो।”

देशभक्ति का लाइसेंस

बीजेपी के लिए देशभक्ति अब सत्ता का हक है- जैसे यह कोई सरकारी सब्सिडी हो। राहुल गांधी का सवाल राजनीति से प्रेरित हो सकता है, लेकिन जवाब देना सरकार का काम है। जब पाकिस्तान तक बात पहुंचाई जा सकती है, तो अपने नागरिकों को क्यों नहीं बताया जाता?

अगर ऑपरेशन सिंदूर की आड़ में धुंध फैलाई जा रही है, तो देश को आंखें खोलनी चाहिए। सच्ची देशभक्ति अंधभक्ति नहीं होती।

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