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पटना: छोटी उम्र में हो रही अपनी शादी के खिलाफ आवाज उठाने वाली बिहार के मुजफ्फरपुर की रेणु पासवान आज दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक बन गई हैं। बाल विवाह के खिलाफ घर छोड़ने वाली रेणु पासवान 135 देशों की 100वीं ताकतवर महिला बन गई हैं। मई के पहले सप्ताह में जी-100 समूह का स्टेट चेयरपर्सन बनाया गया है। रेणु पासवान बिहार की पहली वो महिला हैं, जिन्हें इस लिस्ट में शुमार किया गया है।
मिठनपुरा की रहने वाली रेणु पासवान बचपन से ही काफी जिद्दी स्वभाव की थी। वो जो ठान लेती थीं वो करके दिखाती थीं। 10वीं पास करने के बाद रेणु दूसरी लड़कियों के जैसे शादी करके जिंदगी नहीं जीना चाहती थी। वो कुछ बदलाव करना चाहती थीं। रेणु के दोनों भाई दिव्यांग हैं, फिर भी अपने लक्ष्य से कभी नहीं डिगी। अपने समुदाय की सोच के खिलाफ जाने पर नाते-रिश्तदारों के ताने भी सुने, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने बेंगलुरु से बायोटेक्नोलॉजी किया। 2008 में पुणे आयी और एमबीए किया। इस दौरान उन्होंने बहुत स्ट्रगल किया फिर उनका प्लेसमेंट हुआ और 10 साल नौकरी की।
2018-19 में रेणु की लैंगिग समानता पर लिखी तीन किताबें लॉन्च हुईं। जिसके बाद इंटरनेशनल लेवल पर उनकी नई पहचान बना ली। इस किताब में उन्होंने अपने स्ट्रगल को भी उजागर किया है। उन्होंने अपनी किताब में बताया है कि कैसे जब दूसरे राज्यों में गई तो ट्रेन की सीट के नीचे सोना पड़ा। लोगों ने कहा कि वंचित समुदाय का टाइटल चेंज कर लो।लेकिन मैंने कहा ना टाइटल बदलूंगी और ना खुद को।
कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी रेणु पासवान अब ग्रामीण महिलाओं की आवाज बन चुकी हैं। रेणु ने कहा कि जी-100 से अलग-अलग सशक्त महिलाएं जुड़ी हैं। इंटरप्रेन्योर से लेकर इन्वेर्स्टस तक। इसका फायदा हर तबके की महिलाओं तक पहुंचाना है। ऐसी महिलाएं, जो अपने काम में कमबैक करना चाहती हैं या जो पीड़ित हैं या जिन्हें रास्ता नहीं मिल रहा। जी 100 समूह से पद्मश्री कल्पना सरोज, नूरिया मारीन, लिसा समेत कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय हस्तियां जुड़ी हैं।