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Banshidhar Brajwasi MLC: बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक सीट के उपचुनाव में निर्दलीय शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने 22 साल से जेडीयू के कब्जे में रही इस सीट पर बड़ा उलटफेर कर दिया। वंशीधर ने जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर को हराते हुए बड़ी जीत दर्ज की। इस जीत से उन्होंने जन सुराज, राजद और जेडीयू तीनों की सियासी रणनीतियों को झटका दिया।
एनडीए को तगड़ा झटका
बिहार विधानसभा के हालिया चार उपचुनावों में सभी सीटें जीतने वाला एनडीए इस चुनाव में बुरी तरह हार गया। जेडीयू के अभिषेक झा चौथे स्थान पर रहे। यह वही सीट है जिस पर जेडीयू के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर पिछले 22 सालों से जीतते आ रहे थे।
पांच महीने पहले सरकारी सेवा से बर्खास्त किए गए शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर 10915 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। पहले जन सुराज से जुड़े वंशीधर ने प्रशांत किशोर द्वारा किसी और को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर तारीफ
वंशीधर की जीत के बाद जन सुराज से जुड़े लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ की और हार के बावजूद उन्हें शुभकामनाएं दीं। वंशीधर को 27744 वोट मिले, जबकि जन सुराज के विनायक गौतम को 16829 वोट। राष्ट्रीय जनता दल के समर्थित गोपी किशन को 11600 वोट और जेडीयू के अभिषेक झा को 10316 वोट मिले।
मतगणना का रोमांच
पहली वरीयता के मतों की गिनती में वंशीधर शुरू से ही आगे थे। दूसरी वरीयता के मतों की गिनती मंगलवार सुबह शुरू हुई और देर शाम 5:30 बजे तक चली। अंतिम घोषणा के बाद प्रमंडलीय आयुक्त सरवणन एम और डीएम सुब्रत कुमार सेन ने वंशीधर को विजयी प्रमाण पत्र सौंपा।
मतों का विश्लेषण
कुल 75886 मतों में से 69043 वैध पाए गए, जबकि 6843 मत रद्द हो गए। वंशीधर ने पहली वरीयता में 23003 मत हासिल किए। उनके प्रतिद्वंद्वियों में विनायक गौतम को 12467, गोपी किशन को 11600, और अभिषेक झा को 10316 मत मिले। अन्य उम्मीदवारों का प्रदर्शन मामूली रहा।
वंशीधर ब्रजवासी की इस जीत ने बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनाने की संभावनाओं को जन्म दिया है।