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MSP Hike: किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार का किसानों को तोहफा, बढ़ाई MSP
MSP Hike: मोदी सरकार ने किसानों को राहत देते हुए खोपरा (नारियल गरी) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि का ऐलान किया है। शुक्रवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में वर्ष 2025 के लिए खोपरा का MSP बढ़ाने का फैसला लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ‘मिलिंग खोपरा’ का MSP 422 रुपये बढ़ाकर 11,582 रुपये प्रति क्विंटल और ‘बॉल खोपरा’ का MSP 100 रुपये बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
कुल बजट और आर्थिक बोझ
केंद्र सरकार ने MSP में इस बढ़ोतरी के लिए 855 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। यह समर्थन मूल्य कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर तय किया गया है और खोपरा की उचित एवं औसत गुणवत्ता के लिए निर्धारित किया गया है। वैष्णव ने बताया कि MSP उत्पादन लागत से 50% अधिक तय किया गया है।
खरीद प्रक्रिया और नोडल एजेंसियां
मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत खोपरा और छिलका रहित नारियल की खरीद के लिए राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) को केंद्रीय नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।
प्रमुख उत्पादन वाले राज्य
भारत में खोपरा उत्पादन में कर्नाटक शीर्ष पर है, जहां कुल उत्पादन का 32.7% हिस्सा होता है। इसके बाद तमिलनाडु (25.7%), केरल (25.4%), और आंध्र प्रदेश (7.7%) का स्थान है। इसके अलावा महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, दमन-दीव और गुजरात में भी नारियल की खेती होती है।
किसानों को कैसे होगा फायदा?
सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “यह बढ़ा हुआ MSP न केवल नारियल उत्पादकों को बेहतर लाभ सुनिश्चित करेगा, बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किसानों को खोपरा उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”
खोपरा का उत्पादन सीजन
भारत में खोपरा का उत्पादन सीजन आमतौर पर जनवरी से शुरू होकर अप्रैल तक चलता है। इस बढ़े हुए MSP से नारियल उत्पादकों को बेहतर आय मिलने की उम्मीद है और यह निर्णय कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।