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EMERGENCY IN SRI LANKA: आर्थिक संकट और विरोध प्रदर्शन से जूझ रहे श्रीलंका में फिर लगी इमर्जेंसी

इकोनॉमिक क्राइसिस और देशभर में प्रोटेस्ट के चलते राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने लिया फैसला

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EMERGENCY IN SRI LANKA: राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आर्थिक संकट और विरोध प्रदर्शन से जूझ रहे श्रीलंका में फिर से इमर्जेंसी लगा दी है। श्रीलंका में आपातकाल की ये घोषणा पार्लियामेंट के बाहर विशाल विरोध प्रदर्शन के बाद लगाया है। इससे पहले श्रीलंका में अफ्रैल माह में इमर्जेंसी लगाई गई थी।

EMERGENCY IN SRI LANKA: गरीबी, महंगाई सहित महासंकट से जूझ रहे श्री लंका में दोबारा आपात काल लग गया है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आर्थिक संकट और विरोध प्रदर्शन से जूझ रहे श्रीलंका में फिर से इमर्जेंसी लगा दी है। श्रीलंका में आपातकाल की ये घोषणा पार्लियामेंट के बाहर विशाल विरोध प्रदर्शन के बाद लगाया है। इससे पहले श्रीलंका में अप्रैल माह में इमर्जेंसी लगाई गई थी।

emergency in sri lanka-gotabaya rajpakshe-president
gotabaya rajpakshe-president of sri lanka

EMERGENCY IN SRILANKA: खस्ताहाल इकोनॉमिक क्राइसिस और देशभर में प्रोटेस्ट के चलते राष्ट्रपति राजपक्षे ने एक महीने के बाद ही दोबारा इमर्जेंसी लगा दी। इसके पीछे देशभर में आम नागरिकों और ट्रेड यूनियनों को बताया गया है।

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ये प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।

गौर करें तो 6 मई को दोबारा आपातकाल घोषित करने से पहले राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने इसी साल एक अप्रैल को इमर्जेंसी लगाई थी। जिसे पाँच दिन बाद ही उठा लिया गया था। उस वक्त सरकार के खिलाफ पार्लियामेंट में वोट पड़ने वाले थे।

बता दें कि श्रीलंका सरकार की गलत नीतियों और कोविड महामारी से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। वहाँ खाने-पीने से लेकर जरूरी चीजों का अकाल पड़ा हुआ है। खाद्य सामग्री से लेकर पेट्रोलियम पदार्थ और दवाओं का गंभीर संकट हो गया है। इसका सीधा असर ये पड़ा है कि महंगाई आसमान छू रही है।

गौरतलब है कि बीते कई वर्षों से श्रीलंका अपनी जरूरतों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ चीन जैसे देशों से लगातार कर्ज ले रहा था। इससे देश पर कर्ज का बोझ बढ़ गया। वहीं देश का पर्यटन उद्योग भी संकट में पड़ गया। कोरोना महामारी ने टूरिज्म की कमर तोड़ दी।

इस हालत में श्रीलंका पूरी तरह से आर्थिक संकट में फंस गया। हालाँकि इस संकट से उबारने के लिए भारत सहित कई देश और संस्थाएं श्रीलंका की मदद को आगे आई हैं। मगर महासंकट से जूझ रहे श्रीलंका को घरेलू विद्रोह से गुजरना पड़ रहा है। और इसी को रोकने और अपनी सरकार को बचाने के लिए राजपक्षे ने देश में दोबारा इमर्जेंसी लगाई है।

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