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नई दिल्ली: राजनीतिक सलाहकार रह चुके प्रशांत किशोर इन दिनों सक्रिय राजनीति में आने को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। ऐसी खबरें हैं कि वो जल्द ही अपनी नयी पार्टी का गठन करने वाले हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम में शामिल हुए प्रशांत किशोर जब बढ़ते धुव्रीकरण पर सवाल किए गए तो इसका जवाब देते हुए कहा कि पार्टी ध्रुवीकरण के दम पर चुनाव जीत जाती है, पूरी तरह से गलत है। देश में 80 प्रतिशत हिंदू हैं लेकिन बीजेपी के खाते में केवल 40 प्रतिशत वोट ही जाते हैं।
प्रशांत किशोर हाल ही में अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। जहां उन्होंने राजनीतिक धुव्रीकरण के मसले पर अपनी बातों को रखा। प्रशांत किशोर ने कहा कि जिस चुनाव को सबसे अधिक ध्रुवीकरण वाला बताया जाता है उसमें भी कोई पार्टी किसी एक समुदाय के 50-55 प्रतिशत वोटरों को मोबलाइज नहीं कर पाती है। उन्होंने आगे कहा कि उनके कहने का मतलब यह है कि ध्रुवीकरण को जो लोग चुनाव हारने का कारण बताते हैं वो गलत हैं।
प्रशांत किशोर बोले कि यह मान लेना कि हिंदू-मुस्लिम का ध्रुवीकरण निर्णायक होता है। इस कारण कोई चुनाव जीत या हार सकता है तो ये मानना बिल्कुल गलत होगा। उन्होंने कहा, जब बाहर निकलते हैं तो तमाम ऐसे लोग मिलते हैं जो कहते हैं कि सभी हिंदुओं का ध्रुवीकरण हो गया है लेकिन तथ्य कुछ और ही बताते हैं। देश में बीजेपी को मात्र 38 प्रतिशत ही वोट मिलते हैं। अगर देश के सारे हिन्दू बीजेपी के ही समर्थक हैं तो 80 प्रतिशत वोट मिलने चाहिए थे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि इस प्रदेश में बीजेपी को 40 प्रतिशत वोट मिले हैं जबकि प्रदेश में हिंदू आबादी 80-82 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि आधे से कम हिंदुओं ने बीजेपी को वोट दिया। यहां ये साफ है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी केवल ध्रुवीकरण के आधार पर जीत सकती है।