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National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को हो सकती है जेल
National Herald Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से आज नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में ईडी के द्वारा पूछताछ की जा रही है। राहुल गांधी के साथ-साथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। कहा जा रहा है कि नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जेल हो सकती है।
आइये जानते हैं क्या नेशनल हेराल्ड (National Herald)
साल 1938 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने नेशनल हेराल्ड (National Herald) नाम के अखबार की शुरुआत की थी। ये अखबार जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के द्वारा प्रकाशित किया गया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब AJL के अलावा अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए। नेहरु इस अखबार में कड़े शब्दों वाले कॉलम लिखा करते थे। अंग्रेजी सरकार ने अखबार को साल 1942 में प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन 3 सालों के बाद फिर से इस अखबार को शुरु किया गया।
Delhi | Congress leader Priyanka Gandhi Vadra arrives at the residence of party leader and her brother Rahul Gandhi ahead of his appearance before ED in the National Herald case today pic.twitter.com/rNMrNACwTI
— ANI (@ANI) June 13, 2022
साल 1947 में भारत आजाद हुआ और पंडित जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अखबार के बोर्ड के अध्यक्ष के रुप में इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी की ओर अखबार की विचारधारा को बड़ा आकार देने के लिए भूमिका निभाई जाने लगी। कांग्रेस पार्टी अखबार को वित्तीय मदद करती रही।
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर क्या हैं आरोप
साल 2012 में बीजेपी नेता और देश के मशहूर वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। सब्रमण्यम स्वामी का ये आरोप था कि गांधी परिवार ने कांग्रेस पार्टी के फंड का इस्तेमाल किया और संपत्ति में 20 अरब रुपये से अधिक का अधिग्रहण करने के लिए AJL को अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो AJL पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि AJL को दिया गया कर्ज अवैध था क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।
#WATCH | Congress leader Rahul Gandhi accompanied by party leaders and workers marches to the Enforcement Directorate office in Delhi to appear before it in the National Herald case pic.twitter.com/8sd7VctfEG
— ANI (@ANI) June 13, 2022
जब साल 2014 में जैसे ही केंद्र में बीजेपी की सरकार आयी तो इस पूरे मामले की जांच प्रवर्तन न्यायालय (ईडी) को सौंप दी गई। 19 दिसंबर साल 2015 को निचली अदालत ने इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों को जमानत दे दी थी। साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से इनकार करते हुए मामले के सभी पांच आरोपियों (सोनिया, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस और सुमन दुबे) को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी थी।
साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अगली सूचना तक एजेएल के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दे दिया। अब इस मामले में फिर से गांधी परिवार से ईडी के द्वारा पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि यदि राहुल गांधी ईडी के द्वारा की जा रही इस जांच में सहयोग नहीं देंगे तो उन्हें न्यायिक हिरासत में लिया जा सकता है।