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MAHARASHTRA GOVT CRISIS: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी की गठबंधन सरकार पर महासंकट आ गया है। शिव सेना के मंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावत का झंडा बुलंद कर उद्धव सरकार को चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है।
MAHARASHTRA GOVT CRISIS: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार पर महासंकट आ गया है। शिव सेना के मंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावत का झंडा बुलंद कर उद्धव सरकार को चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है। खबर है कि एकनाथ शिंदे अपने दर्जन भर समर्थक विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में ठहरे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे के साथ 22 विधायकों की टीम सूरत में है। वहीं उद्धव ठाकरे ने शिंदे से मिलने के लिए अपने एक विश्वस्त सहयोगी को भेजा है।
उधर महा विकास अघाड़ी सरकार पर आए संकट पर एनसीपी चीफ शरद पवार का कहना है कि ये सरकार पर तीसरा हमला है। पवार ने कहाकि ये शिव सेना का आंतरिक मामला है। उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे की नाराजगी दूर करनी चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार को चलाने के लिए निर्दलीय और छोटे दलों के 29 विधायकों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ये सारे एमएलए जिस ओर करवट लेंगे, उधर का पाला भारी पड़ जाएगा।
बता दें साल 2019 में 169 विधायकों के साथ महाविकास अघाड़ी सरकार ने विश्वासमत हासिल किया था। अब उद्धव की इस महाविकास अघाड़ी सरकार में शिव सेना नेता एकनाथ शिंदे की इस बगावत के बाद छोटे दलों और इंडिपेंडेंट विधायक महाराष्ट्र सरकार को गिराने या बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
जैसे कि जानकारी है कि शिव सेना नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे गुजरात के सूरत के एक पाँच सितारा होटल में अपने विश्वस्त विधायकों के साथ ठहरे हुए हैं।
बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिव सेना के एमएलए रमेश लटके की मौत के बाद एक स्थान रिक्त है। ऐसे में किसी भी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों की ज़रूरत है। महाराष्ट्र असेंबली में 30 नवंबर 2019 को जब काँग्रेस, एनसीपी और शिव सेना ने मिलकर महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई थी। उस समय महाविकास अघाड़ी के फेवर में 169 वोट पड़े थे। और आसानी से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाई थी।
महाराष्ट्र असेंबली के ताजा आँकड़े की बात करें तो शिव सेना के 55 विधायक हैं। एनसीपी के 53 एमएलए हैं। वहीं काँग्रेस के 44 सदस्य है। कुल मिलाकर इन तीनों की संख्या 162 बनती है। वहीं बीजेपी के 105 विधायक थे, जो अब बढ़कर 106 हो गई है।
निर्दलीय विधायकों की बात करें तो सदन में उनकी संख्या 13 है। उनमें से राजेंद्र पाटिल येद्राकर एमवीए सरकार में मंत्री हैं। इसके अलावा शंकर राव गदख और क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष के नेवासा एमएलए और प्रहार जनशक्ति पार्टी के एमएलए बचू कादू भी शिवसेना कोटे से मिनिस्टर हैं।
कुल मिलाकर निदर्लीय विधायकों में से छह का समर्थन बीजेपी को हासिल है। शिव सेना को पाँच एमएलए का साथ मिला हुआ है। वहीं काँग्रेस और एनसीपी को 1-1 इंडिपेंडेंट एमएलए का समर्थन मिला हुआ है।
गौर करें तो बीजेपी लगातार ये कोशिश कर रही है कि महाराष्ट्र सरकार को निपटा दे। हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी नेतृत्व को तगड़ा झटका दिया था। वहीं एमएलसी चुनाव में भी देवेंद्र फडनवीस ने उद्धव टीम को आईना दिखाया था।
अब देखना ये है कि उद्धव सरकार अपने ही नेता की चोट से बच पाएगी या बीजेपी शिव सेना के बागी विधायकों का फायदा उठाकर सरकार को गिराने में सफल होती है। बस, इसके लिए इंतजार करिए और खेला देखिए।