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Maharastra Political Crisis:महाराष्ट्र में राजनीतिक सियासत में घमासान कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अधिकांश विधायक मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे ने अब अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को गुरुवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने संबंधी राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से उच्चतम न्यायालय के इनकार के कुछ मिनट बाद उद्दव ठाकरे ने घोषणा करते हुए कहा कि वो अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
उद्दव ठाकरे ने कहा कि मुझे अपना पद छोड़ने से कोई अफसोस नहीं है। लेकिन बागी विधायकों को वापस लौटने का मौका दिया जाए उनके खिलाफ कोई प्रदर्शन ना करें। शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे की वजह से राजनीतिक रूप से बढ़े बागियों को उनके बेटे के मुख्यमंत्री पद से हटने पर खुश और संतुष्ट होने दें। मैं संख्याबल के खेल में शामिल नहीं होना चाहता हूं। मैं शर्मिंदा महसूस करूंगा यदि मैं देखूंगा कि पार्टी का एक भी सहयोगी मेरे खिलाफ खड़ा है।
उद्दव ठाकरे ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मुझसे कहा कि अगर बागी चाहते हैं तो कांग्रेस सरकार से हटने और बाहर से समर्थन करने को तैयार है। जिनसे खाई में धकेलने की उम्मीद थी वे ही साथ खड़े हुए जबकि मेरे अपने मेरा साथ छोड़कर चले गए। ठाकरे बोले कि आपकी समस्या क्या थी? सूरत और गुवाहाटी जाने के बजाय आप सीधे मेरे पास आ सकते थे और अपनी राय रख सकते थे। शिवसेना आम लोगों की पार्टी है और उसने कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। मैं शिवसैनिकों का साथ खड़ा रहने के लिए धन्यवाद व्यक्त करता हूं। जो शिवसेना की वजह से राजनीतिक रूप से बढ़े वे असंतुष्ट हैं जबकि जिन्हें कुछ नहीं मिला वे निष्ठावान हैं।