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GN Azad: कांग्रेस को अलविदा कह चुके गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस में अनपढ़ों की जमात है। उन्होंने कहाकि कांग्रेस को कंपाउंडर बने डॉक्टर नहीं स्पेशलिस्ट की जरूरत है।
GN Azad: कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद एक बार फिर से मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया।
GN Azad: कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद एक बार फिर से मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि घर वालों ने घर छोड़ने के लिए जबरन मजबूर किया। जहां घर वालों को लगे कि यह आदमी नहीं चाहिए तो अकलमंदी खुद घर छोड़ने में है।
GN Azad: वहीं गुलाम नबी ने भाजपा से सांठगांठ को लेकर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो शख्स (राहुल गांधी) अपनी स्पीच खत्म करने के बाद भरी सदन में पीएम से गले मिले, तो बताएं कि वे मिले हैं या मैं मिला हूं?
GN Azad: गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पहले जयराम रमेश अपना DNA चेक करवाएं कि कहां के हैं और किस पार्टी से हैं, वह देखें कि उनका DNA किस-किस पार्टी में रहा है। बाहर के लोगों को कांग्रेस का अता-पता नहीं है। चापलूसी और ट्विट कर जिन्हें पद मिले अगर वे आरोप लगाएं तो हमें दुख होता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह नई पार्टी बनाने के बाद जरूरत पड़ने पर बीजेपी के साथ जाएंगे तो इसका जवाब देते हुए आजाद ने कहा कि कांग्रेस में अनपढ़ों की जमात है, खासकर जो लोग लिपिकीय काम के लिए बैठे हैं। जो जम्मू-कश्मीर को जानते हैं, तो उन्हें पता है कि मैं भाजपा के लिए एक भी वोट की अपील नहीं कर सकता हूं। वहीं आजाद पर पलटवार करते हुए, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इतने लंबे करियर के बाद, पूरी तरह से जिस पार्टी को उन्हें बदनाम करने का काम सौंपा गया है इससे खुद को वे नीचे कर रहे हैं।
GN Azad: गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं पीएम मोदी को क्रूर समझता था, लेकिन उन्होंने इंसानियत दिखाई। उन्होंने पुराना किस्सा दोहराया कि जब वो जम्मू-कश्मीर के सीएम थे, तब गुजरात की टूरिस्ट बस पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें कि कई लोग मारे गए थे। तब उनका फोन आया था, तो मैं बिलख-बिलख कर रो रहा था। तब मोदी साहब ने मेरे रोने की आवाज सुनी।
गुलाम आजाद ने कहा कि मोदी तो बहाना है, जी-23 की चिट्ठी लिखे जाने के बाद से उनका मेरे साथ विवाद है। वे कभी नहीं चाहते थे कि कोई उन्हें लिखे, उनसे सवाल करे। कांग्रेस की कई बैठकें हुईं लेकिन एक भी सुझाव नहीं लिया गया।
कांग्रेस पार्टी में चुनाव के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि मैं कांग्रेस के लिए दुआ ही कर सकता हूं, लेकिन कांग्रेस मेरी दुआ से ठीक नहीं होगी, उसके लिए भरपूर दवा चाहिए। अभी उसका डॉक्टर कंपाउंडर है। जबकि कांग्रेस को स्पेशलिस्ट की जरूरत है।