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Jharkhand Crisis: झारखंड में राजनीतिक संकट बना हुआ है। रांची में सीएम आवास में विधायकों की बैठक के बाद उन्हें रांची एयरपोर्ट से छत्तीसगढ़ के रायपुर शिफ्ट कर दिया गया। खबर है कि सीएम हेमंत सोरेन भी रायपुर जा सकते हैं।
Jharkhand Crisis: झारखंड में राजनीतिक संकट बरकरार है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने विधायकों की टूट का डर इस कदर सताया है कि वे उनका साथ नहीं छोड़ रहे हैं। अब सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शिफ्ट कर दिया गया। इसके लिए चार्टर्ड फ्लाइट बुक की गई थी।
Jharkhand Crisis: इस बीच मुख्यमंत्री सोरेन ने विधायकों की एकता को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहाकि कोई अनहोनी नहीं होगी। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सत्ता पक्ष पूरी तरह से तैयार है। रणनीति के तहत कार्य किए जा रहे हैं। उसी रणनीति की छोटी सी झलक पहले और आज सभी ने देखा, आगे भी कई चीजें देखने को मिलेंगी। राज्य में षड्यंत्रकारियों को जवाब सत्ता पक्ष तरीके से देगी।
Jharkhand Crisis: हेमंत सोरेन ने कहाकि, “हम हर चीज के लिए तैयार हैं, स्थिति हमारे नियंत्रण में है। इससे पहले सोरेन अपने सभी विधायकों को रांची से लगभग 30 किमी दूर खूंटी पहुंचे थे और एक झील में नाव की सवारी के लिए जाते देखे गए थे।
बता दें कि सीएम आवास में एक बार फिर से महागठबंधन के सभी विधायकों को बुलाया गया था। जगन्नाथ महतो, अनूप सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की, अंबा प्रसाद, बादल, सुदिव्य समेत 40 से अधिक विधायकों ने मुख्यमंत्री सोरेन के साथ बैठक में हिस्सा लिया। इसके बाद रांची एयरपोर्ट से विधायकों के लिए इंडिगो की स्पेशल फ्लाइट मंगाई गई और विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंचाया गया।
Jharkhand Crisis: इससे पहले झामुमो के वरिष्ठ विधायक और मंत्री चंपई सोरेन ने संवाददाता सम्मेलन में कहाकि मुख्यमंत्री सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने बात कही जा रही है, ये अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन उनकी सदस्यता अब तक रद नहीं की गई है।
साथ ही उन्होंने कहाकि झारखंड में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार काम कर रही है। चंपई ने कहा, ‘‘चर्चा है कि निर्वाचन आयोग से पत्र आ गया है। लेकिन राज्यपाल ने अब तक कोई बात सामने नहीं रखी है। यह लोकतंत्र में जनता का अपमान है। ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे कुछ बड़ा होने वाला है।’’
Jharkhand Crisis: कांग्रेस नेता और मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहाकि बीजेपी की सोची समझी साजिश के तहत ऐसा काम किया जा रहा है। आज की स्थिति लोकतंत्र का काला अध्याय है।’’ गुप्ता ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र सरकार साजिश के तहत ऐसा काम कर रही ताकि भ्रम फैले। संवैधानिक संस्थाओं के निर्णय पर सवाल खड़ा हो रहा है।’
बाद में एक संयुक्त बयान में यूपीए विधायकों ने कहा, क्या राजभवन समय बढ़ाकर (निर्णय को सार्वजनिक करने में) खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देना चाहता है? … कानूनी सलाह क्या है जो वह लेने में सक्षम नहीं हैं? यह लोकतंत्र और लोगों का अपमान है।”
Jharkhand Crisis: गौर करें तो लाभ के पद के मामले में हेमंत सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की बीजेपी की याचिका के बाद चुनाव आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेजा है।
हालांकि चुनाव आयोग के फैसले को अभी आधिकारिक नहीं बनाया गया है, लेकिन चर्चा थी कि चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की है। तब से राजभवन ने इस मामले पर कुछ भी घोषणा नहीं की है।