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PAVAN VERMA: पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा की सीएम नीतीश कुमार से भेंट के बाद जेडीयू में उनके आने से अटकलें हैं। पवन वर्मा ने सोमवार रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मंगलवार को कहाकि नीतीश से उनकी मुलाकात शिष्टाचार के भेंट थी। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद वे पुराने दोस्त रहे हैं।
PAVAN VERMA: ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़ने के बाद पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस मीटिंग के बाद पवन वर्मा के फिर से जेडीयू में लौटने की अटकलें तेज हो गई हैं। पूर्व राजनयिक पवन कुमार वर्मा को 2020 में जेडीयू से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्होंने टीएमसी जॉइन कर ली थी।
PAVAN VERMA: पवन वर्मा ने सोमवार रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मंगलवार को कहा कि नीतीश से उनकी मुलाकात शिष्टाचार भेंट थी। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद वे पुराने दोस्त रहे हैं। उनके बीच निजी संबंध हैं और उनका वे सम्मान करते हैं। जेडीयू से निकाले जाने के बाद भी वे नीतीश कुमार के संपर्क में थे।
हालांकि, पवन कुमार वर्मा ने जेडीयू में शामिल होने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनका अभी किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने का कोई प्लान नहीं है। वे नीतीश को विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम शुरू करने पर बधाई देने आए थे। इस मुहिम से विपक्षी एकता को मजबूती मिलेगी, जो कि सराहनीय प्रयास है।
PAVAN VERMA: इस बीच चर्चा ये भी है कि पवन कुमार वर्मा बिहार सीएम नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके के बीच सेतु का काम कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि पीके को फिर से जेडीयू में लाने का टास्क पवन वर्मा को दिया गया है। हालांकि, पवन ने इन अटकलों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ये सच है कि मेरी प्रशांत किशोर से बात होती है। मगर इस मुद्दे पर पीके और नीतीश कुमार ही कोई फैसला ले सकते हैं। बता दें कि 2020 में जेडीयू ने पवन वर्मा के साथ पीके को भी पार्टी से निकाला था।
PAVAN VERMA: पवन कुमार वर्मा भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी हैं। वे भूटान सहित कई देशों में भारत के राजदूत रह चुके हैं। राजनीति में आने के बाद 2014 से 2016 तक वे राज्यसभा सांसद रहे। वे नीतीश कुमार के सलाहकार भी रह चुके हैं। जेडीयू ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी थी। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का जेडीयू के समर्थन करने पर उन्होंने सवाल उठाए थे। इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। पवन वर्मा ने फिर ममता बनर्जी की टीएमसी ज्वाइन की। बीते 12 अगस्त को उन्होंने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया।