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LOAN RATE: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने रेपो रेट में फिर 0.50 फीसदी का इजाफा किया है। इससे रेपो रेट 5.40 प्रतिशत से बढ़कर 5.90 फीसदी हो गई है। यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा होने वाला है और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी।
LOAN RATE: ब्याज दरों पर फैसले के लिए 28 सितंबर से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग थी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की। इससे पहले अगस्त में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 4.90% से बढ़कर 5.40% किया गया था।
LOAN RATE: मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था। लेकिन RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था।
LOAN RATE: 22 मई 2020 के बाद रेपो रेट में ये बदलाव हुआ था। इसके बाद 6 से 8 जून को हुई मीटिंग में रेपो रेट में 0.50 फीसदी इजाफा किया। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई। फिर अगस्त में इसे 0.50 प्रतिशत बढ़ाया गया, जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई। अब ब्याज दरें 5.90 फीसदी हो गई है।
LOAN RATE: अब जानिए आरबीआई के कदम से क्या फर्क पड़ेगा। मान लीजिए अनिल नाम के एक व्यक्ति ने 7.55 प्रतिशत के फिक्स्ड रेट पर 20 साल के लिए 30 लाख का लोन लिया। उसकी EMI 24,260 रुपए है। 20 साल में उसे इस दर से 28,22,304 रुपए का ब्याज देना होगा। यानी, उसे 30 लाख के बदले कुल 58,22,304 रुपए चुकाने होंगे।
LOAN RATE: अनिल के लोन लेने के एक महीने बाद RBI रेपो रेट में 0.50% का इजाफा कर देता है। इस कारण बैंक भी 0.50% ब्याज दर बढ़ा देते हैं। अब जब अनिल का एक दोस्त उसी बैंक में लोन लेने के लिए पहुंचता है तो बैंक उसे 7.55% की जगह 8.05% रेट ऑफ इंटरेस्ट बताता है।
अनिल का दोस्त भी 30 लाख रुपए का ही लोन 20 साल के लिए लेता है, लेकिन उसकी EMI 25,187 रुपए की बनती है। यानी रोहित की EMI से 927 रुपए ज्यादा। इस वजह से रोहित के दोस्त को 20 सालों में कुल 60,44,793 रुपए चुकाने होंगे। ये रोहित से 2,22,489 ज्यादा है।