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Rupees downfall: रुपए में गिरावट, डॉलर के मुकाबले 83 के पार
Rupees downfall: इतिहास में पहली बार भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 83 के पार पंहुचा। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.02 के रिकॉर्ड भाव को छू लिया।
Rupees downfall: इतिहास में पहली बार भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 83 के पार पंहुचा है। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.02 के रिकॉर्ड भाव को छू लिया।
Rupees downfall: बता दें कि 2010 में रुपये का भाव मात्र 50 रुपये प्रति डॉलर था इसका मतलब पिछले 12 सालों में रुपये में लगभग 65% की गिरावट दर्ज हुई। ऐसे में हम ये नहीं कह सकते कि रुपये की गिरावट कहां जाकर थमेगी।
Rupees downfall: उधर ग्लोबल बाजारों में जब से वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ रहा है। दुनिया भर के इक्विटी बाज़ारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है जिसका असर मुद्रा बाज़ार पर भी छाया हुआ है।
Rupees downfall: गौर करें तो भारत जैसी अर्थव्यवस्था में कच्चे तेल का ज्यादा महत्व है। रुपये में लगातार गिरावट से भारतीय तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए और अधिक डॉलर का भुगतान करना पड़ेगा। विदेशों से आयात होने वाला खाने का तेल भी महंगा होगा।
मोबाइल और लैपटॉप और उसमें उपयोग होने वाली एसेसरीज जो भारत आयात करता है वो भी महंगा हो जाएगा। विदेशों में पढ़ाई करने वाले और वहां रहने वाले छात्रों पर भी रुपये की गिरावट का असर देखने को मिलेगा।
Rupees downfall: गौर करें तो रुपये की गिरावट का सबसे अधिक फायदा आईटी इंडस्ट्री को होता है। आईटी कंपनियों की सबसे ज्यादा कमाई विदेशों में आईटी सर्विसेज देने से प्राप्त होती है। इसमें आईटी कंपनी टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा, एचसीएल आदि जिनका व्यापर विदेशों में अधिक होता है।
इसके अलावा निर्यात करने वाली कंपनियों को भी गिरते रुपये से फायदा होता है, क्योंकि भारत जो भी निर्यात करता है, उसका भुगतान डॉलर में होता है। विदेशी सैलानी अगर भारत घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो गिरता रुपया उनके लिए भी फायदे का सौदा है, क्योंकि उन्हें डॉलर की तुलना में अधिक रुपया मिलेगा।
Rupees downfall: डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट कब थमेगी, ये किसी को नहीं पता। रुपये का लगातार गिरना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत नहीं। अब देखना ये होगा कि रुपये की गिरावट को रोकने के लिए RBI कब कदम उठाएगी या गिरावट का यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा।