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गुजरात चुनाव के पहले चरण में 61 फीसदी से अधिक मतदान, 5 को होगी दूसरे फेज की पोलिंग

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गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों पर 61 फीसदी से अधिक मत पड़े। इस तरह 19 जिलों की 89 सीटों के लिए मैदान में उतरे 788 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। पहले चरण में 61 फीसदी से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। हालांकि अंतिम आंकड़े आने अभी बाकी हैं।

सौराष्ट्र-कच्छ में सिर्फ 58 फीसदी मतदान हुआ। वहीं, दक्षिण गुजरात में 66 फीसदी वोटिंग दर्ज हुई। इस तरह सौराष्ट्र में दक्षिण गुजरात के मुकाबले 8 फीसदी कम वोटिंग हुई। यहां के 12 जिलों में सिर्फ मोरबी में ही 54% वोट पड़े। बाकी के अन्य जिलों में 50% से भी कम वोटिंग हुई। 

वहीं, पिछले चुनाव 2017 की बात करें तो इन सीटों पर कुल 67.23% वोट पड़े थे। इस दौरान जिन सीटों पर 70 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई थी, उनमें से ज्यादातर सीटें कांग्रेस के खाते में गई थीं। हालांकि वोट प्रतिशत में भाजपा ज्यादा पीछे नहीं थी। 70 फीसदी से ज्यादा मतदान वाली 27 सीटों में 14 कांग्रेस और 11 बीजेपी ने जीती थी।

2017 के चुनाव में कपराडा, नीजर, मांडवी (एसटी), व्यारा, वांसदा, नंदोद, सोमनाथ, वंकानेर, टंकारा, जसदण, डांग्स, मोरबी, जंबुसर, तलाला में कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत मिली थी। वहीं, भाजपा ने जेतपुर (राजकोट), अंकलेश्वर, मांडवी, नवसारी, जलालपोर, धरमपुर, मंगरोल (एसटी), महुवा (एसटी), वागरा, गनदेवी, बरदोली सीटों पर अपना परचम लहराया था। वहीं अन्य दो सीटें डेडीआपाडा और झगडिया भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के खाते में गई थीं।

राज्य के 19 जिलों में आने वाली इन सीटों पर 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। पहले फेज में दो करोड़ से ज्यादा वोटर्स को अपने मत का इस्तेमाल करना था। पहले फेज की कुल 89 सीटों में से भाजपा के पास सबसे ज्यादा 58, कांग्रेस के पास 26 और BTP के पास 2, NCP के पास एक सीट है।

गुजरात के मिनी अफ्रीका कहने जाने वाले जंबूर गांव में पहली बार लोग वोट डाले गए। यहां उनके लिए स्पेशल ट्राइबल बूथ बनाया गया था। राजकोट में BJP की रीवाबा जडेजा ने वोट डाला। वह जामनगर उत्तर से चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन उनका नाम राजकोट की मतदाता सूची में है।

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पहले फेज की कुल 89 सीटों में से छह से सात सीटें ऐसी हैं, जहां केजरीवाल की आम आदमी पार्टी यानी AAP का असर है। इनमें से छह सीटें सूरत जिले की हैं। वहीं, एक सीट द्वारका जिले में है। द्वारका की खंभालिया सीट से AAP के CM कैंडिडेट ईशुदान गढ़वी मैदान में हैं।

गुजरात में 2012 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीधी लीडरशिप में लड़ा गया आखिरी चुनाव था। तब मोदी ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। 2012 के मुकाबले 2017 में पहले चरण की सीटों पर औसत वोटिंग घट गई थी। इसका सीधा नुकसान भाजपा को हुआ था।

2012 में जब वोटिंग ज्यादा हुई, तो भाजपा के खाते में 61 सीटें आई थीं। 2017 में वोटिंग घटने से भाजपा की सीटें भी घटकर 48 रह गईं।

बता दें कि 182 सीटों के लिए हो रहे इस चुनाव के दूसरे चरण की 93 सीटों पर 5 दिसंबर को वोटिंग होगी। नतीजे 8 दिसंबर को यानी हिमाचल विधानसभा चुनाव के साथ ही आएंगे। राज्य में इस बार 4.6 लाख लोग पहली बार वोट करेंगे। 

भाजपा ने गुजरात चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया। पार्टी ने कांग्रेस से दोगुनी नौकरियां देने का वादा किया है। भाजपा ने 5 साल में 20 लाख, जबकि कांग्रेस ने 10 लाख नौकरियां देने की बात कही है। इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी ने छात्राओं को मुफ्त में इलेक्ट्रिक स्कूटी देने का वादा भी किया गया है। 

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कल यानी 1 दिसंबर को पहले चरण का मतदान हुआ। इससे एक दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि गुजरात में भाजपा फिर सरकार बनाएगी।

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