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दिल्ली नगर निगम चुनाव में पीएम मोदी-सीएम केजरीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर
दिल्ली नगर निगम (MCD) के सभी 250 वार्डों के मतदान शुरू होते ही पीएम मोदी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरावाल की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। आज सुबह 8 बजे से वोटिंग चल लल रही है। और शाम 5.30 तक चलेगी। इसके नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे। हर बार की तरह इस बार भी सभी की नजर BJP और AAP पर है। भाजपा यहां अपनी साख बचाने में लगी है, तो वहीं आम आदमी पार्टी निगम में अपनी जगह बनाना चाहती है, क्योंकि पिछले 15 साल से निगम की सत्ता भाजपा के हाथ में है। इधर, कांग्रेस पिछली बार से अपनी सीटें बढ़ाना चाहती है। कुल मिलाकर दिल्ली नगर निगम चुनाव में पीएम मोदी-सीएम केजरीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर है।
दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया लोगों से बोले- दिल्ली को साफ-सुथरी बनाने के लिए वोट करें। दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल की लोगों से अपील- दिल्ली नगर निगम में एक ईमानदार और काम करने वाली सरकार बनाने के लिए आज अपना वोट डालने जरूर जाएं।
कांग्रेस नेता अजय माकन राजौरी गार्डन के एक पोलिंग बूथ पर वोट डालने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा- लोगों को उम्मीदवारों को देखना चाहिए और उसके अनुसार मतदान करना चाहिए। कांग्रेस के उम्मीदवार अच्छे हैं और लोगों को उस उम्मीदवार को वोट देना चाहिए जो चुनाव के बाद उनके लिए उपलब्ध होगा।
MCD चुनाव के लिए 1349 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 709 महिला प्रत्याशी हैं। BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे रहे हैं। JDU 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, तो AIMIM ने 15 कैंडिडेट उतारे हैं। BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4, और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी हैं।
इनमें से 95,458 लोग पहली बार वोट डालेंगे। 229 मतदाता ऐसे हैं, जो 100 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके हैं। इनमें से 95,458 लोग पहली बार वोट डालेंगे। 229 मतदाता ऐसे हैं, जो 100 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके हैं।
चुनाव आयोग ने पूरी दिल्ली में 13,638 मतदान केंद्र बनाए हैं। इनमें लगभग 1 लाख कर्मचारियों को तैनात किया है। वोटर्स की सुविधाओं के लिए 68 आदर्श मतदान केंद्र और 68 पिंक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन पोलिंग बूथ पर कुल 40 हजार जवान की तैनाती की गई है। चुनाव में 56,000 EVM मशीन का इस्तेमाल किया जाेगा। बूथों पर चुनाव आयोग ने पारदर्शी तरीके से चुनाव के लिए CCTV लगवाए हैं।
2012 तक, MCD एक हुआ करती थी, लेकिन बाद में इसे ईस्ट, नॉर्थ और साउथ निकायों में बांट दिया गया। बहरहाल, चीजें योजना के अनुसार नहीं हुईं और इस साल की शुरुआत में, केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया।
संशोधन के बाद, दिल्ली के ईस्ट, नॉर्थ और साउथ नगर निगमों को मिलाकर एक कर दिया यानी अब दिल्ली में तीन नहीं एक मेयर होगा। पूरे MCD को 12 जोन में बांटा गया है- सेंट्रल, सिटी-एसपी, सिविल लाइंस, करोल बाग, केशव पुरम, नजफगढ़, नरेला, नॉर्थ शाहदरा, रोहिणी, साउथ शाहदरा, साउथ और वेस्ट। दिल्ली नगर निगम चुनाव में 2017 में कुल 272 सीटों में से 270 सीटों पर वोट डाले गए थे। इस बार सीटें कम होकर 250 हो गई हैं। इनमें से अनुसूचित जाति (SC) के लिए 42 सीटें रिजर्व हैं। महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें रिजर्व हैं।
BJP ने 2007 के MCD चुनावों में जीत हासिल की थी, तब केंद्र और दिल्ली दोनों में कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन भाजपा 2008 में दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी। इस दौरान शीला दीक्षित रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में लौटीं थी।
भाजपा ने 2012 में फिर से MCD चुनाव जीता। हालांकि, 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में हार गई। इस साल अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाई थी। हालांकि, उनकी सरकार 49 दिन ही चली। इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
2017 में हुए MCD चुनाव भी भाजपा ने जीते। इस दौरान AAP दूसरे स्थान पर रही। हालांकि, AAP ने 2018 में दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत लिया।
MCD क्या काम करती है। जनता को सुविधाएं प्रदान करना। इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों, फुटपाथ और बाजारों की सफाई, ई-रिक्शा, रिक्शा और ठेलों को लाइसेंस देना शामिल है। प्राइमरी स्कूलों का संचालन और सड़क, ओवर ब्रिज, सार्वजनिक शौचालय जैसे पब्लिक प्लेस का निर्माण-रखरखाव। वॉटर सप्लाई, ड्रेनेज सिस्टम मैनेजमेंट, स्लम एरिया में डेवलपमेंट के काम। पार्क, लाइब्रेरी, स्ट्रीट लाइट्स और पार्किंग क्षेत्रों का रखरखाव। कई पार्किंग के ठेके भी MCD देती है।