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Tripura, Nagaland, Meghalaya Election: त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के असेंबली इलेक्शन को लेकर डेट का ऐलान हो गया है। त्रिपुरा में 16 फरवरी और नगालैंड-मेघालय में 27 फरवरी को पोलिंग होगी।
Tripura, Nagaland, Meghalaya Election: तीनों ही राज्यों में 60-60 सदस्यीय असेंबली है। त्रिपुरा में इस वक्त बीजेपी की सरकार है। वहीं, नगालैंड में एनडीपीपी के नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री हैं। मेघालय में एनपीपी के कोनराड संगमा की सरकार है। दोनों राज्यों में भाजपा सत्ताधारी गठजोड़ का हिस्सा है। नगालैंड विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च, मेघालय विधानसभा का 15 मार्च और त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च को समाप्त हो रहा है।
चुनाव आयोग के अनुसार त्रिपुरा चुनाव के लिए 21 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। 30 जनवरी तक नामांकन होंगे। 31 जनवरी को नामांकन की स्क्रूटनी होगी। नाम वापसी की आखिरी तिथि दो फरवरी तय की गई है। 16 फरवरी को मतदान होगा और 2 मार्च को नतीजे आएंगे। इसी तरह मेघालय और नगालैंड के लिए 31 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा। 7 फरवरी तक नामांकन किए जा सकेंगे। 8 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 10 फरवरी तक उम्मीदवार नाम वापस ले पाएंगे। 27 फरवरी को मतदान होना है। दो मार्च को नतीजे आएंगे।
बता दें कि साल 2018 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी ने यहां 25 साल से शासन कर रहे लेफ्ट को बेदखल किया था। बिप्लब देब राज्य मुख्यमंत्री बने। 2022 में भाजपा ने देब की जगह मानिक साहा को राज्य की कमान सौंपी। अब साहा पर भाजपा को सत्ता में वापसी कराने की जिम्मेदारी होगी। हालांकि, बीते कुछ महीनों से राज्य में सियासी उथलपुथल जारी है। एक तरफ भाजपा ने 2018 में जीत दिलाने वाले बिप्लब कुमार देब को हटाकर मानिक साहा को मुख्यमंत्री बना दिया तो कई नेता पार्टी से अलग भी हो गए।
Tripura, Nagaland, Meghalaya Election: मेघालय में वर्ष 2018 में राज्य में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और भाजपा गठबंधन की सरकार बनी थी। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। हालांकि, बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई थी। चुनाव में अलग-अलग लडे़ एनपीपी-भाजपा ने गठबंधन किया। एनपीपी के कोनराड संगमा मुख्यमंत्री बने। यहां भी चुनाव से पहले राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। यहां तक की गठबंधन सरकार चला रही एनपीपी और बीजेपी के बीच भी दरारें दिख रही हैं। हाल ही में दो विधायक एनपीपी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। कहा जहा रहा है कि 2018 की तरह ही इस बार भी दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी नए सिरे से मेघालय में संगठन खड़ा किया है। दूसरी पार्टियों के कई नेताओं को पार्टी में शामिल भी कराया है।
गौर करें तो वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) दो टुकड़ों में बंट गई थी। बागियों ने नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) बनाई। पार्टी के बड़े नेता और राज्य के मुख्यमंत्री रहे नेफ्यू रियो बागी गुट के साथ चले गए। चुनाव से पहले NPF ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया। भाजपा और NDPP ने मिलकर चुनाव लड़ा। NDPP को 17 तो बीजेपी को 12 सीटों पर जीत मिली।
गठबंधन सत्ता में आया और नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री बने। नेफ्यू रियो के सीएम बनने के बाद 27 सीट जीतने वाली NPF के ज्यादातर विधायक NDPP में शामिल हो गए। इससे NDPP विधायकों का आंकड़ा 42 पर पहुंच गया। वहीं, NPF के केवल 4 विधायक बचे। बाद में NPF ने भी सत्ताधारी गठबंधन को समर्थन दे दिया। मौजूदा समय में राज्य विधानसभा के सभी 60 विधायक सत्तापक्ष में हैं।