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Peshawar Mosque Blast: पाकिस्तान के पेशावर में पुलिस लाइन्स में बनी मस्जिद में फिदायीन हमलs में 62 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस हादसे में 157 लोग घायल भी हुए हैं। इनमें से 47 की हालत गंभीर है। ब्लास्ट की आवाज़ दो किलोमीटर तक सुनाई दी। धमाके में मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। इमाम नूर-अल अमीन की भी मौत हो गई। वहीं पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोपहर की नमाज के वक्त मस्जिद में करीब 500 लोग मौजूद थे। फिदायीन हमलावर बीच की एक लाइन में मौजूद था। यह साफ नहीं हो सका कि वो पुलिस लाइन्स पहुंचा कैसे, क्योंकि अंदर जाने के लिए गेट पास दिखाना होता है।
जियो न्यूज़ के मुताबिक, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। आर्मी इलाके को घेरकर तलाशी ले रही है। इसके करीब ही आर्मी की एक यूनिट का ऑफिस भी है। इलाके में TTP का खासा दबदबा है और पिछले दिनों इसी संगठन ने हमले की धमकी भी दी थी।
सभी घायलों का इलाज पेशावर के लेडी हार्डिंग अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल की तरफ से जारी बयान में कहा गया- आम लोग जितना हो सके, उतनी जल्दी ब्लड डोनेट करने अस्पताल पहुंचें। मिलिट्री डॉक्टरों का एक दल भी अस्पताल पहुंचा। हेल्थ डिपार्टमेंट ने पेशावर जिले के सभी डॉक्टर्स और सपोर्ट स्टॉफ के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
बता दें कि पेशावर में पिछले साल मार्च में एक शिया मस्जिद में धमाका हुआ था। तब हमले में 62 लोग मारे गए थे। ये सभी शिया समुदाय के लोग थे। धमाके के वक्त मस्जिद में जुमे की नमाज चल रही थी। इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खोरासान ग्रुप (IS-KP) ने ली थी।
वहीं 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 148 लोग मारे गए थे। इनमें 141 स्कूली बच्चे थे। TTP ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। बाद में साजिश रचने वाले चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। संगठन का प्रवक्ता भी गिरफ्तार हुआ था। हैरानी की बात अहसान उल्ला नाम का यह प्रवक्ता बेहद रहस्यमयी तरीके से फौज की गिरफ्त से बड़े आराम से फरार हो गया था। बाद में उसने खुद कहा था कि फौज ने ही उसे रिहा किया था।