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IQ Air Report में दुनिया के टॉप 20 सबसे प्रदूषित नगरों भारत के 14 शहर शामिल हैं। हालांकि भारत साल 2022 में दुनिया का 8वां सबसे प्रदूषित देश रहा।
IQ Air Report: भारत 2022 में दुनिया का आठवां सबसे प्रदूषित देश रहा। 2021 में हम पांचवें नंबर पर थे। हवा में प्रदूषण नापने की इकाई यानी PM2.5 में भी गिरावट आई है। यह 53.3 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर हो गया है। हालांकि चिंता की बात ये है कि यह अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सेफ लाइन (5) से 10 गुना से भी ज्यादा है।
IQ Air Report: हवा में प्रदूषण की जांच करने वाली स्विस एजेंसी IQ एयर ने मंगलवार को वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट जारी की। इसमें 131 देशों का डेटा 30,000 से अधिक ग्राउंड बेस मॉनिटरों से लिया गया। इस रिपोर्ट में दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 20 शहरों में 19 एशिया के हैं, जिनमें 14 भारतीय शहर हैं। एक शहर अफ्रीकी देश का है।
अब तक दिल्ली दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी थी, लेकिन इस साल IQ एयर ने दिल्ली का दो हिस्सों में सर्वे किया। एक नई दिल्ली और दूसरा दिल्ली। सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली चौथे और नई दिल्ली 9वें स्थान पर है। 8वें नंबर पर अफ्रीकी देश चाड की राजधानी अन’जामेना है।
अगर सर्वे एजेंसी ने दिल्ली को दो भागों में नहीं बांटा होता तो यह अब भी दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी होती, लेकिन नई रिपोर्ट के अनुसार तकनीकी तौर पर नई दिल्ली अब दूसरे नंबर पर है।
IQ Air Report: दिल्ली के साथ NCR में शामिल शहर गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी गई। औसत PM2.5 की तुलना में गुरुग्राम में 34%, फरीदाबाद में 21% तक सुधार हुआ। दिल्ली में 8% ही सुधार आया, लेकिन इन शहरों में प्रदूषण अब भी बहुत ज्यादा है। इससे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है। प्रदूषण से उनके फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं। बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बढ़ रही हैं।
सबसे प्रदूषित शहरों में 10 शहर उत्तर प्रदेश और 7 शहर हरियाणा के हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश के आगरा में पिछले साल के मुकाबले 55% तक का सुधार देखने को मिला है। आगरा में 2017-21 के बीच PM2.5 पच्चासी माइक्रोग्राम था। साल 2022 में यह सिर्फ 38 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा।
IQ Air Report: सबसे प्रदूषित 100 शहरों में 72 दक्षिण एशिया के हैं। इनमें ज्यादातर शहर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हैं। रिपोर्ट में दक्षिण एशिया को वायु प्रदूषण का केंद्र बताया गया । इस रिपोर्ट के आधार पर विश्व बैंक ने प्रदूषण में कटौती करने के लिए आने वाले खर्च का एनालिसिस किया है। इसके लिए 2.6 अरब डॉलर खर्च करने होंगे।