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USA: भारत में धार्मिक आजादी पर अमेरिका ने फिर उगला ज़हर
USA: अमेरिकी विदेश विभाग ने मीडिया के साथ रिपोर्ट को लेकर एक बातचीत में भारत को लेकर कहा है कि वहां धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार जारी है और अमेरिकी सरकार इस बारे में भारत सरकार को आगाह करना जारी रखेगी।
दुनिया के देशों में धार्मिक आजादी को लेकर अपनी ताजा रिपोर्ट (2022) में अमेरिका ने एक बार फिर से भारत को लेकर जहर उगला है। हालांकि रिपोर्ट को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन देर रात जारी करने वाले हैं, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने मीडिया के साथ रिपोर्ट को लेकर एक बातचीत में भारत को लेकर कहा है कि वहां धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार जारी है और अमेरिकी सरकार इस बारे में भारत सरकार को आगाह करना जारी रखेगी।
मीडिया से बातचीत के दौरान पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस की पत्रकार जेबा वारसी ने विदेश विभाग के अधिकारी से पूछा कि रिपोर्ट में भारत को लेकर क्या जानकारियां हैं। जवाब में अधिकारी ने कहा- भारत ऐसा देश है जो इस मुद्दे पर लगातार चिंता का कारण बना रहा है। ताजा रिपोर्ट में भारत को लेकर सूचनाएं दुखी करने वाली हैं। वहां धार्मिक समूहों, ईसाइयों, मुस्लिमों, सिखों, हिंदू दलितों और अन्य देशज समुदायों के खिलाफ लक्षित हमले हो रहे हैं।
ईरानी लेखक, पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को पेन अमेरिका का फ्रीडम टू राइट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। मोहम्मदी वर्तमान में दुष्प्रचार के आरोप में ईरान की जेल में बंद हैं। अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री में 18 मई की रात आयोजित होने वाले पेन गाला सम्मान समारोह में मोहम्मदी के पति तघी रहमानी उनकी ओर से पुरस्कार स्वीकार करेंगे। वे भी एक पत्रकार और कार्यकर्ता हैं।
पेन अमेरिका के सीईओ सुजैन नोसेल ने सोमवार को कहा, ईरानी सरकार के अत्याचारों का दृढ़ता से मुकाबला कर रही नरगिस मोहम्मदी ने पूरी दुनिया के स्वाधीनता और लोकतंत्र में विश्वास करने वाले लोगों के प्रेरणास्रोत हैं। स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के लिए उनके और उनके परिवार का बलिदान उल्लेखनीय है। पूरी दुनिया के लेखकों, पत्रकारों और कलाकारों के लिए यह एक प्रकाश स्तंभ जैसा है।
इधर, चीन ने जासूसी के आरोपों में सोमवार को अमेरिका के 78 वर्षीय नागरिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हांगकांग में स्थायी नागरिक का दर्जा रखने वाले जॉन शिंग-वान लेयुंग को दक्षिणपूर्वी शहर सुझोउ में 15 अप्रैल 2021 को हिरासत में लिया गया था।
वहीं, रुस की वागनर निजी सेना के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने कहा है कि यूक्रेन सीमा से सटे क्षेत्रों में कथित रूप से दुर्घटनाग्रस्त हुए चार रूसी सैन्य विमानों को संभवतः रूस के अपने ही सैन्यबलों ने मार गिराया। क्रेमलिन ने अपने की निजी सेना प्रमुख की रिपोर्ट को नकार दिया है।