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Imran Khan Toshakhana: तोशाखाना केस में पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान को जेल
Imran Khan Toshakhana: तोशाखाना केस में पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को न्यायालय ने दोषी ठहराया है। इमरान को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है। सजा होने के साथ ही इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान को गिरफ्तार कर लिया। इसके पहले भी पाकिस्तान के सात पूर्व प्रधानमंत्री जेल जा चुके हैं।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। तोशाखाना केस में इमरान खान को जिला-सत्र न्यायालय ने दोषी ठहराया है। उन्हें इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है। इस्लामाबाद पुलिस ने सजा होने के साथ ही इमरान को गिरफ्तार कर लिया है।
Imran Khan Toshakhana: इमरान खान से पहले पाकिस्तान के कई पूर्व प्रधानमंत्री भी जेल जा चुके हैं। एक पीएम को फांसी तक हुई
थी। ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के किसी पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी हुई है। इसके पहले भी पाकिस्तान के 7 पूर्व प्रधानमंत्री जेल जा चुके हैं। एक प्रधानमंत्री को तो फांसी तक हो गई है।
पाकिस्तान के पांचवें प्रधानमंत्री हुसैन शहीद सुहरावर्दी सितंबर 1956 से अक्तूबर 1957 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। सुहरावर्दी मोहम्मद अली जिन्ना के करीबियों में शुमार रहे थे। बताया जाता है कि उस वक्त उन्होंने जनरल अयूब खान के सैन्य तख्ता पलट का समर्थन करने से इनकार कर दिया था। इस कारण उन पर इलेक्टिव बॉडीज डिस्क्वॉलिफिकेशन ऑर्डर (EBDO) के जरिए राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया गया। जुलाई 1960 में इसका उल्लंघन करने का आरोप लगा। 1962 में पाकिस्तान सुरक्षा अधिनियम 1952 के तहत राज्य विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें जेल भेज दिया गया। बिना किसी मुकदमे के कराची की सेंट्रल जेल में एकांत कारावास में रखा गया।
अगस्त 1973 से जुलाई 1977 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे जुल्फिकार अली भुट्टो को जेल की सजा काटनी पड़ी थी। उन पर 1974 के दौरान एक राजनीतिक प्रतिद्वंदी की हत्या की साजिश रचने के आरोप लगा था। इस मामले में उन्हें 1977 में गिरफ्तार कर लिया गया था।
बाद में लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस ख्वाजा मोहम्मद अहमद सामदानी ने उन्हें यह कहकर रिहा कर दिया कि उनकी गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है। हालांकि, बाद में फिर से मार्शल लॉ रेगुलेशन 12 के तहत उन्हें तीन दिन बाद दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। 4 अप्रैल 1979 को उन्हें फांसी दे दी गई।
पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को भी जेल जाना पड़ा था। भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रहीं। पहली बार दिसंबर 1988 से अगस्त 1990 तक और दोबारा अक्तूबर 1993 से नवंबर 1996 तक वह पाकिस्तान की पीएम रहीं। 1977 से 1988 तक जिया-उल-हक की तानाशाही के दौरान वह एक विपक्षी नेता थीं।
अगस्त 1985 में अपने भाई की मृत्यु के बाद, वह पाकिस्तान लौट आईं। उन्हें 90 दिनों की अवधि के लिए नजरबंद कर दिया गया। इसके अलावा, उन्हें 1986 में स्वतंत्रता दिवस, 1998, 1999 और फिर 2007 में कराची में एक रैली में सरकार की निंदा करने के लिए भी गिरफ्तार किया गया था। 1999 में भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद वह सात साल निर्वासन में रहीं। 2007 में जब वह वापस पाकिस्तान पहुंची तो एक आत्मघाती हमले में उनकी हत्या हो गई।
2008 में यूसुफ रजा गिलानी पाकिस्तान के कई राजनीतिक दलों के गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री थे। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। उन पर फर्जी कंपनियों के नाम पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगा था। उन्हें जेल जाना पड़ा था।
1999 में कारगिल युद्ध के बाद जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ को निर्वासित कर दिया था। हालांकि, बाद में वह पाकिस्तान लौट आए। इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अपने निर्वासन के शेष तीन वर्षों को पूरा करने के लिए जेद्दा, सऊदी अरब भेज दिया गया।
बाद में नवाज को उनकी बेटी मरियम नवाज के साथ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। दो महीने के कारावास के बाद उच्च न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय लंबित होने तक, अदालत द्वारा उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया था।
2018 में, सऊदी अरब में स्टील मिलों के स्वामित्व के लिए शरीफ को सात साल की सजा दी गई और उन्हें फिर से जेल में डाल दिया गया। उन्हें नवंबर 2019 में चिकित्सा उपचार के लिए देश छोड़ने की अनुमति दी गई। तब से वह पाकिस्तान नहीं लौटे हैं। अब उनके भाई शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हैं।
2017 से 2018 के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे शाहिद खाकान अब्बासी को 2013 में LNG के लिए अरबों रुपये के आयात अनुबंध देने से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोपों में 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। ये आरोप उनके पेट्रोलियम और प्राकृतिक मंत्री के रूप में काम करने के दौरान लगा था।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने उन्हें 12 सदस्यीय टीम के साथ हिरासत में लिया। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया और 27 फरवरी, 2020 को अदियाला जेल से रिहा कर दिया गया।
पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी गिरफ्तार हो चुके हैं। उन्हें इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते हुए 28 सितंबर, 2020 को एनएबी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी जमानत याचिका लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई थी। लाहौर की कोट लखपत केंद्रीय जेल से रिहा होने तक उन्हें लगभग 7 महीने तक हिरासत में रखा गया।
इमरान खान ने 18 अगस्त 2018 से 10 अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में काम किया। इमरान पर 140 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इनमें विदेशों से मिलने वाले गिफ्ट बेचने, अल कादिर ट्रस्ट की जमीनों के हेरफेर जैसे कई आरोप लगे हैं। नौ मई 2023 को इमरान खान को पाकिस्तानी रेंजर्स ने गिरफ्तार किया था। आज तोशाखाना केस में इमरान को जिला-सत्र न्यायालय ने दोषी ठहराया है। उन्हें इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है। सजा होने के साथ ही इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान को गिरफ्तार कर लिया।