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Hindi Diwas: भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की नींव आजादी के समय ही रखी गई। 14 सितंबर 1946 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा माना। बाद में, देश की पहली सरकार यानी कि पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार ने आधिकारिक तौर पर 14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस मनाया।
हिंदी को इंडिया यानी भारत की पहचान के रूप में भी जाना जा सकता है। भारत में सैकड़ों भाषाएं और लिपियाँ बोली और पढ़ी जाती हैं। उनमें से हिंदी राष्ट्र को जोड़ने का काम करती है। कई महान विभूतियों ने हिंदी के महत्व को समझाते हुए इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग की, जिसमें से एक महात्मा गांधी भी थे।
हिंदी भाषा दुनिया की प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिंदी को भारत की पहचान के तौर पर भी देखा जा सकता है। हालांकि भारत समेत कई अन्य देशों में हिंदी भाषा बोली जाती है। विदेशों में बसे भारतीयों को हिंदी भाषा एक दूसरे से जोड़ने का काम करती है। हिंदी की भूमिका और उसका महत्व बहुत है।
हिंदी दिवस साल में दो बार मनाया जाता है। साल में दो बार मनाए जाने वाले हिंदी दिवस में पहला जनवरी महीने में मनाते हैं और दूसरा सितंबर महीने में। भारत में हिंदी दिवस के लिए एक खास दिन तय है।
भारत में 22 भाषाएं और उनकी 72,507 लिपियाँ हैं। एक देश में इतनी सारी भाषाओं और विविधताओं के बीच हिंदी वह भाषा है जो हिंदुस्तान को जोड़ती है। भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। सभी राज्यों में बसे जनमानस को हिंदी के महत्व से जागरूक करने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए भारत हिंदी दिवस मनाते हैं।
आम बोलचाल में हिंदी भाषा का उपयोग कम होने लगा है, इसे बढ़ावा देने और आने वाली पीढ़ियों को हिंदी के प्रति प्रेरित करने के लिए हर साल भारत में सितंबर महीने में हिंदी दिवस मनाते हैं।
हिंदी दिवस मनाते कब हैं?
साल की शुरुआत में जनवरी महीने में हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर होता है। 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। वहीं भारत में हरेक साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी दिवस का जानें इतिहास?
भारत में हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत आजादी के बाद हुई। हालांकि इस दिन की नींव स्वतंत्रता दिवस से पहले 1946 में ही रख दी गई थी। उस वर्ष पहली बार 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया।
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार बनने पर 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया और पहला आधिकारिक हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया।
मनाते क्यों हैं हिंदी दिवस?
भारत में कई भाषाएं और लिपियाँ हैं, लेकिन हिंदी भाषा भारत के सभी राज्यों को और विदेशों में बसे भारतीयों को आपस में जोड़ने का काम करती है। अंग्रेजी भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है। साथ ही हिंदी की अनदेखी न हो इसलिए भी इसे बढ़ावा दिया जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने तो हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। हालांकि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है। भारत की राजभाषा हिंदी है।
मनाते कैसे हैं हिंदी दिवस?
हिंदी को बढ़ावा देने के लिए सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी भाषा का उपयोग होता है। हिंदी दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रम और सेमिनार का आयोजन होता है, जहां हिंदी के महत्व पर वाद-विवाद होता है। साथ ही हिंदी के प्रति लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इस दिन बहुत से कार्यक्रम होते हैं। इस दिन हिंदी से जुड़े लोगों को पुरस्कृत भी किया जाता है।
कई हिंदी के लेखकों ने भी हिंदी में प्रसिद्ध रचनाएं प्रकाशित की। हिंदी को राष्ट्र व निज उन्नति का मूल बताया। हिंदी भाषा के महत्व को जानने, हिंदी भाषी होने पर गर्व करने के लिए आप महान विभूतियों के अनमोल विचारों को पढ़ें।
Hindi Diwas Motivational Quotes: हृदय की कोई भाषा नहीं है, ह्रदय-ह्रदय से बातचीत करता है
और हिंदी ह्रदय की भाषा – महात्मा गांधी
हिंदी बोलचाल की महाभाषा – जाॅर्ज ग्रियर्सन
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निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल- भारतेंदु हरिश्चंद्र
हिंदी पर गर्व करें ।
- कामिनी पाण्डेय, शिक्षिका