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Shivraj Vasundhara and Raman: साल 2023 के 5 राज्यों के चुनाव को 2024 के आम चुनाव से पहले काफी अहम माना जा रहा है. कांग्रेस अपनी ताकत बढ़ाकर इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करना चाहती है. वहीं, बीजेपी इन सभी राज्यों में पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी.
लेकिन इसका असर बीजेपी की आंतरिक स्थिति को कमजोर भी कर सकता है. इसकी वजह है छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में स्थानीय क्षत्रपों को हाशिए पर ढकेलने की कोशिश. इससे साफ तौर पर बीजेपी के तीन दिग्गजों के भविष्य पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है. एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान के पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
शिवराज को ठिकाने लगाने के लिए एमपी में नया फॉर्मूला?
बीजेपी में मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की स्थिति ठीक नहीं दिख रही. पिछले दिनों बीजेपी ने एमपी चुनाव के लिए 39 कैंडिडेट्स की दूसरी लिस्ट जारी की, जिसमें 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को टिकट दिया. तब शिवराज पर चर्चा शुरू हो गई कि बीजेपी उनका रीप्लेसमेंट ढूंढ रही है. राजस्थान में भी वसुंधरा राजे को लेकर BJP का रिस्पॉन्स ठंडा है.
क्या हो रहा है दोनों नेताओं के साथ?
बीजेपी ने इस बार तीनों राज्यों में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बीजेपी इन तीनों ही राज्यों में उनके उत्तराधिकारियों की तलाश कर रही है.
संभावना है कि रमन सिंह को टिकट ही न दिया जाए. साथ ही शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा को सीएम चेहरा प्रोजेक्ट नहीं किया गया. एमपी में तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतार कर सीएम का विकल्प खुला रखा गया. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी यही फार्मूला अपनाने की बात हो रही है. हालांकि शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा विधानसभा लड़ सकते हैं. लेकिन सीएम के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं होंगे.