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Shivraj Singh Chauhan: मध्य प्रदेश कर्ज के तले दबा जा रहा है। एमपी के हरेक व्यक्ति पर लगभग 40 हजार का कर्ज है। ये आंकड़ा अपने आप में बहुत कुछ कहता है। आपको बता दें कि शिवराज सरकार इसी साल 6 महीने में 13 बार कर्ज ले चुकी है।
अब इस कर्ज का आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ गया है। लगातार कर्ज की बोझ से दब रहा मध्य प्रदेश पर अब 4 लाख करोड़ का कर्ज हो चुका है। लेकिन शिवराज सरकार चुनाव से पहले लगातार नई घोषणाएं कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश की वित्तीय स्थिति फिलहाल ठीक नजर नहीं आ रही है. शिवराज सरकार लगातार नई नई योजनाओं को पूरा करने के लिए कर्ज भी लेती जा रही है.
शिवराज सिंह को भी कर्ज का दबाव अब महसूस हो रहा है।।इस वजह से सरकार ने नया फरमान जारी किया है। नया फरमान सभी विभागों को जारी किया गया है।
नए फरमान में कहा गया है कि कोई भी विभाग 25 करोड़ से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता है। यानी खर्चे पर लिमिट लगाने की कोशिश की गई है।
हालांकि कोई विभाग अगर 25 करोड़ से ज्यादा खर्च करना है तो वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा विभाग केंद्र सरकार के बजट और अनुदान के खर्च का भी इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
इसके लिए वित्त विभाग की अनुमति आवश्यक होगी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश आर्थिक तंगी से लगातार जूझ रहा है। शिवराज सरकार का खजाना भी लगभग खाली हो चुका है। प्रदेश में आचार संहिता लगने से पहले सरकार लगातार कर्ज पर कर्ज ले रही है।
बीते 4 अक्टूबर को भी सरकार ने 3000 करोड़ का कर्ज लिया। इस पहले सितम्बर में भी सरकार ने एक दिन में तीन बार कर्ज लिया था। जबकि सितंबर माह में 5 बार सरकार ने कर्ज लिया था।
मध्य प्रदेश पर फिलहाल 4 लाख करोड़ का कर्ज है। एमपी के वित्तीय हालात के अनुसार, प्रदेश के हर व्यक्ति पर 40 हजार रुपये से ज्यादा का कर्ज है.