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Congress_Samajwadi Party: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच मचा घमासान फिलहाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में अब बताया है कि आखिर क्यों समाजवादी पार्टी के साथ टिकट बंटवारे पर तालमेल नहीं बैठ सका. पत्रकारों से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा है कि हमने इस बारे में बातचीत करने की पूरी कोशिश की, लेकिन हमारे लोग तैयार नहीं थे.
कमलनाथ ने ये भी कहा कि सवाल ‘कितनी सीट’ का नहीं बल्कि ‘कौन सी सीट’ का था.उन्होंने इसके आगे कहा कि मुझे सभी कार्यकर्ताओं को और अपने संगठन को साथ लेकर चलना पड़ा. हम अपने लोगों को उन सीटों के लिए मना नहीं पाए जो वे चाहते थे. यानी कमलनाथ के मुताबिक वो अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के दवाब में सीट को लेकर फैसला नहीं कर सके.
‘उम्मीदवारों में बदलाव पर कोई चर्चा नहीं’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने इसी के साथ ये भी कहा कि “4000 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया था. उनमें से कोई भी नहीं कहता कि वे हारने वाले हैं. हर कोई कहता है कि वे जीतने जा रहे हैं. लेकिन टिकट एक व्यक्ति को ही मिलता है. हमने सभी से चर्चा की और फिर निर्णय लिया.
इसके बाद पत्रकारों ने ये भी पूछा कि क्या उम्मीदवारों में कोई बदलाव होगा, तो उन्होंने कहा- हमने ऐसी कोई चर्चा नहीं की है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच जब सीटों का तालमेल नहीं बैठा तो अखिलेश यादव ने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि विपक्षी दलों का गठबंधन केवल राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा चुनाव के लिए हुआ है तो वो अपने कार्यकर्ताओं को बातचीत करने के लिए नहीं भेजते.
अखिलेश यादव ने कहा कि हमने मध्य प्रदेश में छह सीटों की अपेक्षा की थी, उम्मीद थी कि कम से कम चार सीटें तो मिल ही जातीं लेकिन हद तो तब हो गई जब कांग्रेस पार्टी ने सपा की पसंदीदा सीट पर भी अपने उम्मीदवार उतार दिये.
हालांकि कांग्रेस का कहना था कि अखिलेश यादव ने अपने उम्मीदवार उतारने में जल्दबाजी कर दी. उनकी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए सीटों पर विचार किया ही जा रहा था कि उन्होंने ऐलान कर दिया.
अखिलेश यादव के ‘चिरकुट नेता’ वाले बयान और कमलनाथ बयान के ‘अखिलेश… वखिलेश…’ वाले बयान के बाद विवाद और बढ़ गया. लेकिन इस बीच ऐसा समझा जा रहा है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से विवाद सुझलाने की पहल की गई है. इस बात की तरफ खुद अखिलेश यादव ने इशारा किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का उनके पास संदेश आया है.