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Sanjay Singh: आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले के मामले में न्यायिक हिरासत पूरी होने पर शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने संजय सिंह की हिरासत 10 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी. सुनवाई के दौरान संजय सिंह ने अर्जी लगाई कि कोर्ट जेल ऑथोरिटी को निर्देश दे कि वो अपने निजी डॉक्टर (रमनजीत सिंह) से सलाह-उपचार से ले सके. संजय सिंह का कहना है कि वो शुगर के मरीज होने के साथ ग्लूकोमा से पीड़ित हैं.
कोर्ट ने अर्जी को मंजूरी देते हुए कहा कि बाकी सह आरोपियों को भी निजी इलाज की मंजूरी मिल चुकी है. कोर्ट ने जेल ऑथिरिटी को निर्देश दिया कि वो जल्द से जल्द संजय सिंह को आई सेंटर जाकर डॉक्टर से इलाज कराए.
कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह और वकील सुनिश्चित करें कि उनके या पार्टी कर समर्थक हॉस्पिटल में जमा न हो ताकि बाकी मरीजों को दिक्कत न हो. कोर्ट ने घरवालों के खर्चे को चलाने के लिए संजय सिंह को दो चेक को हस्ताक्षर करने की इजाजत भी दी.
कोर्ट ने संजय सिंह को MCD कमिश्नर को लिखे उस पत्र को हस्ताक्षर करने की इजाजत दी, जिनके जरिये उन्होंने अपने संसदीय इलाके में विकास कार्यों के लिए फंड के बंटवारे की मांग की है. संजय सिंह ने कोर्ट से पेशी के दौरान कहा कि सत्ता के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. साथ ही प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो एक भ्रष्ट नेता हैं. अदानी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. अगर जांच हो जाए तो उन्हें जिंदगी भर जेल में रहना पड़ेगा.
आपको बता दें कि दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले के मामले में ईडी ने 4 अक्टूबर को संजय सिंह की लंबी पूछताछ के बाद उनके घर से गिरफ्तारी किया था. 8 दिनों तक ईडी की हिरासत में रहने के बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने संजय सिंह को न्यायिक हिरासत हिरासत में भेज दिया था. न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद संजय सिंह को फिर से कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने 10 नवंबर तक संजय सिंह की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी.
बता कि संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आप समर्थकों ने पूरे देश में प्रदर्शन किया था और आप के नेताओं ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिहिंसा के तहत कार्रवाई कर रही है. विपक्षी पार्टी के नेताओं को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है.
उनका आरोप था कि आप की लोकप्रियता से बीजेपी डर गई है और आप के नेताओं को झूठे मामले में फंसा कर जेल भेज रही है. केंद्रीय एजेंसियों का केंद्र सराकर की ओर से दुरुपयोग किया जा रहा है. राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.