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Tejashwi On Prashant Kishor: तेजस्वी बोले- प्रशांत किशोर को अमित शाह के कहने पर नीतीश ने बनाया था जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
Tejashwi On Prashant Kishor: आरजेडी ने पीके को बीजेपी का सदस्य करार दिया
Tejashwi On Prashant Kishor: पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने यह भी दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर ही प्रशांत किशोर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके के लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों को लेकर किए गए दावे से सियासी पारा गर्माया हुआ है। अब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने पीके को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सदस्य करार दिया है।
पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने यह भी दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर ही प्रशांत किशोर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। उस समय शाह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे।
तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सीएम नीतीश ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बात खुद स्वीकार की थी। न तो नीतीश और न ही प्रशांत किशोर या अमित शाह ने इस बात का खंडन किया था। इससे स्पष्ट उदाहरण क्या चाहिए कि पीके बीजेपी के एक्टिव मेंबर हैं।
उन्होंने कहा कि एक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनावी बाजार के किसी तीसरे आदमी को दूसरी पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनवा देता है और फिर वही पार्टी उसे अपनी पार्टी में झगड़ा लगवाने, गुटबाजी करने एवं पार्टी पर एकाधिपत्य जमाने की चेष्टा के कारण बाहर कर देती है।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि सब समझ गए हैं ऐसे लोग एक पार्टी के लिए कार्य करते हैं फिर उसे छोड़ दूसरी पार्टी पकड़ते हैं और उसकी सारी सूचनाएं दूसरों को सौंप देते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर ने जिस राज्य में जिस क्षेत्रीय पार्टी के साथ काम किया उस राज्य में बीजेपी मजबूत हुई और सहयोगी दल को खा गई। उन्होंने बिहार में जो एनजीओ शुरू किया था वह मौजूदा चुनाव में खुलकर बीजेपी की मदद कर रहा है।
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी पिछले इलेक्शन के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगी। पूर्व और दक्षिण भारत में इस बार बीजेपी ज्यादा सीटें जीतेगी। हालांकि, पश्चिम और उत्तर भारत में थोड़ा नुकसान हो सकता है। ओवरऑल एनडीए पिछले चुनाव के 303 के आंकड़े से ऊपर जा सकता है। हालांकि, 400 पार सीटें हासिल करना मुश्किल है।