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NDA MATHS FOR POWER: एनडीए में जेडीयू और टीडीपी की कुल 28 सीटें, इन्हीं के दम पर नरेंद्र मोदी कैबिनेट लेगी शपथ!
NDA MATHS FOR POWER: 18 वीं संसद के गठन की तैयारी चल रही है। साथ ही एनडीए इस तरह अंकगणित के सहारे सरकार बनाने जा रही है। ख़ास ये है कि सरकार बनाने के लिए 272 के जादुई आंकड़ों से एनडीए का संख्या बल बहुमत से 20 अधिक है। चौंकाने वाली बात ये ही कि इसमें से NDA के JDU और TDP की कुल मिलाकर 28 सीटें हैंl
साथ ही ये तय हो गया है कि 8 जून को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद का शपथ लेंगे। गौर करें तो अब इसका इंतजार करना है जैसे 4 जून की शाम पार्टी कार्यालय में जब नरेंद्र मोदी आए थे तो उन पर फूल बरसाए गए थे। शपथ ग्रहण समारोह में फूल कितने और किस दूरी से बरसाए जाएंगे।
खबर और फोटो फ्रेम आ गया है कि एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बगल में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू बैठे हुए हैं। इस बैठक के ठीक बाद 7:45 पर नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के पास अपना दावा पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं।
खबर आप तक पहुंचे तब तक राष्ट्रपति भवन में पिछले मंत्रिमंडल के लिए भोज हो चुका है। जाहिर है कि जेडीयू और टीडीपी का समर्थन पत्र लेकर जाएंगे।
मंगलवार की दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर नरेंद्र मोदी ने अपना इस्तीफा सौप दिया था और राष्ट्रपति ने परंपरा के अनुसार अगला प्रधानमंत्री के पद भर तक जिम्मेदारी निभाते रहने के लिए कहा।
चमत्कारिक स्टार के जीत के बाद भी इंडिया गठबंधन को शीघ्र ही आत्म मूल्यांकन के लिए बैठना होगा।
खबरों की खबर लीजिए। यह सही समय है कि इंडिया गठबंधन के घटक अपनी-अपनी तरफ से यह जाहिर करें कि एलाइंस को कारगर विकल्प बनाने में उनकी कौन सी क्रिया बाधक बनी थी l
इंडिया एलाइंस को जितनी सफलता मिली है उससे यह न्यूनतम दायित्व बनता है कि वह सरकार बनने से कुछ कदम पीछे किस कारण से रह गए , इसका मूल्यांकन प्रस्तुत करें। लोग अपने तरह से सरकार बदलने के लिए आगे आएl इसकी दावेदार दलों के लिए यह अपने मूल्यांकन का समय है।
इंडिया एलाइंस की बैठक सबसे पहले नीतीश कुमार ने ही , पटना में बुलाई थी और उनके साथ बिहार का एलाइंस घटक आरजेडी भी था l
ममता बनर्जी हेमंत सोरेन , स्टालिन केजरीवाल , उद्धव ठाकरे , वाम दलों के नेता कश्मीर के नेता , इत्यादि नेता
पटना बैठक में शामिल थे। इसके ठीक बाद कांग्रेस ने बैठक की व्यवस्था अपने हाथ में ली।
दूसरी बैठक में यह तय होना था कि नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाया जाए। कांग्रेस को इसके प्रति उदार रहने में कठिनाइयां थी। जबकि अटल बिहारी वाजपेई ने भाजपा के नेतृत्व में एनडीए बनाया था तब जदयू के प्रमुख क्रमशः जॉर्ज फर्नांडिस और शरद यादव मोर्चा के संयोजक थे l
आरंभ में ही ममता बनर्जी ने नीतीश का नाम किनारे रखने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे बढ़ा दिया।
ममता बनर्जी ने कांग्रेस का नाम आगे तो बढ़ा दिया था परंतु और लोकसभा चुनाव के पहले खुद अपने राज्य में यह कह दिया , कि कांग्रेस के साथ मिलकर के एमपी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
इस समय किसी तरह की दुविधा नहीं होनी चाहिए कि एनडीए पूर्ण बहुमत में है।
एनडीए चुनाव पूर्व एलाइंस और चुनाव के दरमियान कायम था। नरेंद्र मोदी का चेहरा सभी पार्टनर दलों के जीत में इस्तेमाल हुआ था।
एनडीए , बिग ब्रदर. बीजेपी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही थी , जिसकी तरफ से प्रधानमंत्री के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र मोदी रहे ही हैं l
किसी भी सरकार पर बहुत शंका हो और उसके बहुमत में सेंधमारी की कई कहानियां हो । ऐसा हो भी सकता है l
बावजूद इसके पत्रकारिता का वसूल यही कहता है की इन कहानियों पर तब तक ध्यान नहीं दिन जब तक इसकी वास्तविकता को हम जांच नहीं लेते हैं l
यह उस कहावत की तरह है , कि कोई कहे— कि कौवा कान ले गया, तब कौवे के पीछे भागने के पहले अपने हाथों से कान को स्पर्श करना चाहिए l
ज्यादातर संभव है कि कान अपनी जगह पर हो l. इस तरहआप कौवा के पीछे भागने से बच जाए।
एनडीए एलाइंस के पास। 272 के जादुई आंकड़ों से 20 अधिक है l पार्टनर जेडीयू और टीडीपी के पास मिला करके 28 सीट है l एनडीए ने 292 एम. पी. जितवाया है!
292 में से 28 हटा देने से 264 का अंक पूर्ण बहुमत के जादुई अंक से पीछे चला जाता है। परंतु दूसरी तरफ 234 में 28 जोड़ देने से 262 का अंक हो जाता है। एक और पक्का अंक बिहार का निर्दलीय एमपी पप्पू यादव के जोड़ देने से 263 हो जाता है। यह भी 272 के जादुई अंक से काम ही है।
जब कोई विशेष संकट नहीं हो तो आप सोच नहीं सकते हैं कि कोई दो घटक निश्चित से अनिश्चित की तरफ जाएं।
हो यही रहा है कि नीतीश कुमार और तेलुगू देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू दिल्ली में खबर लिखने के समय एनडीए के बैठक में नरेंद्र मोदी के अगल-बगल बैठे हुए थे l
इस तरह का निर्णय कोई वैसी क्षेत्रीय पार्टी बहुत जल्दी नहीं लेती है जो पार्टीअपने क्षेत्र से संसद सदस्यों की अच्छी संख्या लेकर संसद में आई है।
पाटलिपुत्र से चुनी गई एमपी Misa Bharti ने दिल्ली जाने से पहले प्रेस से कहा है कि INDIA गठबंधन के लोग सरकार बना लेंगेl परंतु स्पष्ट है की राजनीति इस तरह के गप्पी बयानों से कहीं आगे नहीं पहुंच पाती है।