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Bangladesh Protests: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हिंसक प्रदर्शन में अब तक 107 लोगों की मौत हो चुकी है। इन प्रदर्शनों को लेकर बहुत से लोग घायल हो गए हैं। इस हालात में हसीना सरकार ने कानून व्यवस्था संभालने के लिए अब कमान सेना को सौंप दी है। देशभर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हिंसा बढ़ने पर शुक्रवार को देशभर में कर्फ्यू लगा दिया और सेना तैनात कर दी गई।
प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रेस सचिव नईमुल इस्लाम खान ने कहा कि देश में किसी तरह की रैली, जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
छात्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में अब तक 105 लोग मारे जा चुके हैं। इसमें 52 मौतें अकेले राजधानी ढाका में शुक्रवार को हुईं।
प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फायरिंग की और आंसू गैस के गोले भी दागे। देश में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद हैं।
हालात पर काबू पाने के लिए 15 वर्षों से सत्ता में बनी प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। कई दिनों से जारी हिंसा को रोकने में पुलिस के विफल रहने के बाद सेना को तैनात करना पड़ा है।
दरअसल पुलिस कई दिनों से देश भर में जारी हिंसा को रोकने में विफल रही। छात्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में अब तक 107 लोग मारे जा चुके हैं, 52 मौतें ढाका में हुई हैं। इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद हैं।
नईमुल इस्लाम ने बताया कि सरकार ने लोगों की सहायता के लिए सेना तैनात करने और कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू लागू हो गया है। स्थित पर काबू पाने के लिए 15 वर्षों से सत्ता में बनी प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।
बांग्लादेश की हालत पर भारत की भी करीबी नजर है। भारत ने कहा कि हिंसक प्रदर्शन पड़ोसी देश का आंतरिक मामला है। 8,000 छात्रों समेत करीब 15 हजार भारतीय बांग्लादेश में हैं। सभी सुरक्षित हैं। अब तक 407 छात्र स्वदेश लौट आए हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर हालात पर नजर रखे हुए हैं। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने वहां भारतीयों को सुरक्षा सहायता के लिए परामर्श जारी किया है।