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Sawan Somwar: सावन के पहले सोमवार को शिव मंदिरों और देवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़
Sawan Somwar: सावन महीने के पहले सोमवार पर शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। इसके साथ ही सावन के पहले सोमवार के दिन 2 शुभ योग भी बने हैं. पहला प्रीति योग और दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग है.
बता दें कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित रहता है। ऐसे में लोग इस पूरे महीने भक्ति, पूजा-पाठ, अनुष्ठान और व्रत-उपवास करते हैं। 22 जुलाई से सावन के महीने की शुरुआत हो गई है। खास बात यह है कि इस साल सावन का महीना सोमवार के दिन से ही शुरू हो गया है।
सावन का सोमवार कई मायनों में बेहद खास होता है। ऐसे में लोग इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर दूध, दही, गंगाजल और अन्य कई चीजे चढ़ाते हैं। बहुत सारे लोग शिवलिंग पर पंचामृत भी चढ़ाते हैं। इसे प्रसाद के रूप में भी ग्रहण किया जाता है।
अगर आप चाहें तो सावन के पहले सोमवार व्रत रखकर भोलेनाथ के पंचामृत अर्पण कर सकते हैं। इसे आप प्रसाद के रूप में भी ग्रहण कर सकते हैं। यह फलाहारी होता है। ऐसे में आप इस व्रत में भी इसका सेवन कर सकते हैं।
शिव की पूजा के लिए प्रात:काल में स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें. पूजन सामग्री के साथ पूजा घर या शिव मंदिर जाएं. फिर सबसे पहले शिव जी का जल से अभिषेक करें.
उसके बाद उनको चंदन, अक्षत्, बेलपत्र समेत सभी पूजन सामग्री एक-एक करके अर्पित करें. उस दौरान शिव मंत्र का उच्चारण करते रहें. सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें. फिर शिव जी को प्रणाम करके एक स्थान पर बैठ जाएं.
उसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें. फिर सोमवार की व्रत कथा पढ़ें. उसके समापन पर घी का दीपक जलाएं या कपूर जलाकर शिव जी की आरती करें. सबसे अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें. उसके बाद मनोकामना पूर्ति के लिए निवेदन करें.
जान लें कि आज श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. इस साल के सावन माह का शुभारंभ सोमवार से हुआ है और इसका समापन भी सोमवार के दिन होगा. यह संयोग 72 साल बाद बना है।