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Haryana Polls: हरियाणा असेंबली चुनाव को लेकर सभी 90 हलकों के कांग्रेसी पैनल तैयार हो गए हैं। कांग्रेस अपने सिटिंग अधिकतर MLA को टिकट देगी। इसके साथ ही आज स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हो सकती है।
उम्मीद है कि इस बार भी कांग्रेस मौजूदा विधायकों को नाराज नहीं करेगी। एंटी इंकम्बेंसी वाले कुछ विधायकों को छोड़कर अधिकतर मौजूदा विधायकों को टिकट मिल सकता है।
पार्टी का मानना है कि अगर अधिक संख्या में विधायकों की टिकटें काटी गईं तो गुटबाजी और विवाद बढ़ सकता है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने सभी 90 हलकों के लिए आए आवेदनों की छंटनी का काम पूरा करके पैनल तैयार कर लिए हैं। 25 से 30 सीटें ऐसी हैं, जिनके पैनल में केवल एक नाम रखा गया है, जबकि इतनी ही सीटें ऐसी हैं, जहां पर दो से तीन दावेदारों के नाम शामिल किए गए हैं।
उम्मीद है कि इस बार भी कांग्रेस मौजूदा विधायकों को नाराज नहीं करेगी, एंटी इंकम्बेंसी वाले कुछ विधायकों को छोड़कर अधिकतर मौजूदा विधायकों को टिकट मिल सकता है।
पार्टी का मानना है कि अगर अधिक संख्या में विधायकों की टिकटें काटी गईं तो गुटबाजी और विवाद बढ़ सकता है, इसलिए पिछली बार की तरह मौजूदा विधायकों को टिकट देकर दोबारा चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी है।
पिछले दिनों दिल्ली में हुई हरियाणा चुनाव समिति की बैठक में आवेदनों की छंटनी करके पैनल बनाने का निर्णय लिया था। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान को आवेदनों की छंटनी करके पैनल बनाने के लिए अधिकृत किया गया था।
अब ये पैनल स्क्रीनिंग कमेटी पास भेजे जाएंगे। प्रदेश में कांग्रेस के पास 28 विधायक हैं। इनमें से पांच से छह विधायक ऐसे हैं, जिनकी हलकों में एंटी इंकम्बेंसी है और उनका विरोध हो रहा है। क्षेत्र में काम नहीं कराने और हलके के मुद्दों को प्रमुखता से नहीं उठाने के चलते लोगों में उनके प्रति नाराजगी है।
वहीं, लोकसभा चुनाव में भी मतदाताओं की नाराजगी के चलते यहां पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए इन विधायकों को छोड़कर शेष करीब 20 विधायकों को पहली सूची में टिकट मिलना संभव है।
एंटी इंकम्बेंसी वाले हलकों में कांग्रेस पहले सर्वे कराएगी, इसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। कुछ स्थानों पर विधायकों के अलावा उनके परिवारजनों को भी टिकट दिया जा सकता है।
गढ़ी-सांपला-किलोई, रोहतक, झज्जर, बादली, बहादुरगढ़, नूंह, फिरोजपुर-झिरका, पुन्हाना, एनआईटी, रादौर, नारायणगढ़, डबवाली, कालांवाली, लाडवा, बरोदा, असंध, कलानौर, उचाना कलां, होडल, गन्नौर, थानेसर, अंबाला कैंट, कैथल, पलवल, राई, महम, गुरुग्राम, सोहना, बड़खल, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पृथला, हथीन, बाढड़ा, लोहारू ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां से केवल एक ही नाम पैनल में रखा गया है।
सोमवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होनी थी, लेकिन किसी कारणवश बैठक नहीं हो सकी। हालांकि, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने सोमवार को प्रदेश के पांचों सांसदों और पांचों हारे हुए लोकसभा प्रत्याशियों को एक-एक करके बुलाया और सभी से फीडबैक लिया।
अपने-अपने हलकों में प्रत्याशियों को लेकर भी चर्चा की गई। संभावना है कि पांचों हारे हुए लोकसभा प्रत्याशियों को विधानसभा चुनाव में उतारा जाएगा। अब मंगलवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हो सकती है।