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Giriraj on Nehru: दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बारे में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहाकि भारत को गजवा ए हिंद बनाने की साजिश होती रही, और वो देखते रहे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ही 1947 में पंडित नेहरू के नेतृत्व में भारत के बंटवारे के समय पाकिस्तान, जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान के रूप में अलग हुआ और फिर बांग्लादेश बना।
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने पूर्णिया में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर 1947 में पंडित नेहरू ने हिंदुओं को भारत ले आया होता और मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया जाता, तो आज देश की सामाजिक समरसता को कोई खतरा नहीं होता।
उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू शुरुआत से प्रतिकार करना सीख लिए होते तो देश की स्थिति ऐसी नहीं होती। उन्होंने सीमांचल के चारों जिलों किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार में बड़ी संख्या में डेमोग्राफी बदलने का आरोप लगाया और कहा कि हिंदू संगठनों के साथ उनकी बड़ी बैठक होगी।
गिरिराज सिंह ने कहा कि जब तक देश में सनातनियों का बहुमत है तभी तक लोकतंत्र भी सुरक्षित है। उन्होंने यह भी कहा कि असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने कहा देश में हमारा अस्तित्व खतरे में है और हिंदुओं की आबादी गिर गई है। कुछ ऐसे ही हालात पूर्वांचल और देश के दूसरे हिस्से में हैं।
उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ही 1947 में पंडित नेहरू के नेतृत्व में भारत के बंटवारे के समय पाकिस्तान, जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान के रूप में अलग हुआ और फिर बांग्लादेश बना। वहां से हिंदुओं को भारत ले आया जाता और भारत के मुसलमान जो योजनाबद्ध तरीके से यहां रह गए, उनको पाकिस्तान भेज दिया जाता तो आज भारत की सामाजिक समरसता को कोई खतरा नहीं होता।
गिरिराज सिंह ने कहा कि 1926 में शुद्धि आंदोलन के कारण हिंदू स्वामी की हत्या मुसलमानों ने की थी और गांधी ने हत्यारे को अपना भाई कहा था। देश में तुष्टिकरण आज से नहीं मुस्लिम लीग की स्थापना 1905 में हुई, और तभी से चली आ रही है।
इसके बाद भी मुस्लिम लीग के मुस्लिम कट्टर पंथियों ने कई हत्याएं की। इसी समय से तुष्टीकरण की नीति और भारत को गजवा ए हिंद बनाने की साजिश होती रही है। उन्होंने कहा कि बंटवारे के समय भी योजनाबद्ध तरीके से मुसलमान को भारत में रोका गया।
भारत में अब नारा लगता है लड़ के लिया पाकिस्तान, हंस के लेंगे हिंदुस्तान। जहां इनकी आबादी 10% से ऊपर जाती है सामाजिक हालात बिगड़ने लगते हैं। बांग्लादेश के हिंदू पाकिस्तान के हिंदू शुरुआत से ही प्रतिकार करना सीख लिए होते तो आज यह हालत नहीं बनते।