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Anna Hazare on Kejariwal: केजरीवाल मसले पर बोले अन्ना, कहा- मना किया था राजनीति में मत जाओ
Anna Hazare on Kejariwal: समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कहा था कि उन्हें राजनीति में नहीं जाना चाहिए बल्कि लोगों की सेवा करनी चाहिए। अन्ना हजारे केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफा देने के ऐलान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
बता दें कि केजरीवाल ने रविवार को ऐलान किया है कि वह दो दिन के भीतर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा है कि जल्द ही में आप विधायक दल की बैठक होगी और इसमें अगले मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा। दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इन नामों पर AAP विचार कर सकती है।
अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल से कहा था कि उन्हें समाज की सेवा करनी चाहिए। हजारे ने कहा कि हम लोगों ने कई साल मिलकर काम किया और तब मैंने उन्हें यही समझाया था कि राजनीति में नहीं जाना चाहिए, क्योंकि समाज सेवा से जीवन में आनंद मिलता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के दिल में बात नहीं आई और आज जो होना था हो गया।
याद दिलाना होगा कि 2011 में अन्ना हजारे ने लोकपाल बिल की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल की थी। इसके बाद रामलीला मैदान में बड़ा आंदोलन हुआ था और इसमें लाखों लोग जुटे थे। तब उनके सारथी अरविंद केजरीवाल ही थे।
इस आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल को मीडिया में बड़े पैमाने पर पहचान मिली और उन्होंने राजनीति में जाने का फैसला किया।
केजरीवाल ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 2012 में आम आदमी पार्टी की स्थापना की। अपने पहले ही चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में शानदार प्रदर्शन किया और 28 सीटें जीती थी। तब अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से पहली बार दिल्ली में मुख्यमंत्री बने।
केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आ गए हैं। बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल राजनीतिक पैंतरेबाजी के उस्ताद हैं।
इल्मी ने कहा है कि केजरीवाल जब तिहाड़ जेल में थे तभी उन्हें अपना इस्तीफा दे देना चाहिए था। इल्मी ने कहा कि दिल्ली की जनता उनकी असलियत को पूरी तरह समझ चुकी है।
बीजेपी के सिख चेहरे मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जाए। सिरसा ने कहा कि केजरीवाल का यह एक और राजनीतिक स्टंट है।
जबकि आम आदमी पार्टी ने कहा है कि बीजेपी ने पिछले 2 साल से अरविंद केजरीवाल को भ्रष्ट साबित करने के लिए महाअभियान चलाया, लेकिन वो ऐसा करने में विफल रही। आप नेता गोपाल राय ने कहा है कि दुनिया के इतिहास में पहली बार किसी नेता ने खुलेआम कहा है कि अगर वो ईमानदार हैं तो उन्हें वोट दें, नहीं तो वोट ना दें।
गौर करें तो अरविंद केजरीवाल जमानत पर हैं. जमानत की शर्तों के मुताबिक वह मुख्यमंत्री सचिवालय नहीं जा सकते. न ही जरूरी सभी फाइलों पर साइन कर सकते हैं. यानि मुख्यमंत्री का पद तो है, पर पावर नहीं. ऐसे में इस्तीफे का ऐलान कुछ खोए बिना बहुत कुछ पा लेने की राजनीतिक रणनीति ही कहा जाएगा. इस रणनीति का केजरीवाल को काफी फायदा भी पहुंच सकता है.