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Rain Landslide Flood: नेपाल में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से अब तक 210 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं बिहार में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई है। बिहार में 7 तटबंध टूटने से कई गाँव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।
नेपाल से आ रहा बाढ़ का पानी उत्तर और पश्चिमी बिहार के लिए बड़ा संकट बना हुआ है। कोसी, बागमती और गंडक नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, और इन नदियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण वहाँ नदियाँ उफान पर हैं और पहाड़ों के दरकने से भूस्खलन हो रहा है। शहर से लेकर गाँव तक पानी में डूब गए हैं। इस आपदा में अब तक 205 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 130 लोग घायल हुए हैं और 24 लोग लापता हैं। नेपाल की सेना और राहत एजेंसियाँ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं, जहाँ उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की गई है।
बिहार में स्थिति और गंभीर हो गई है। दरभंगा, मुजफ्फरपुर से लेकर पश्चिमी चंपारण तक नदियों की धारा ने तटबंधों को तोड़ दिया है, जिससे बाढ़ का पानी कई गाँवों और शहरों में घुस गया है। राज्य में 7 तटबंध टूटने की खबर है, जिससे बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है और लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने बताया कि बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण जहाँ 210 लोगों की मौत हुई है, वहीं घायलों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। नेपाल की सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों ने अब तक 4,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है।
भूस्खलन के कारण कई राजमार्ग और सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे भारत से खाने-पीने के सामान की आवक ठप हो गई है। इस वजह से नेपाल में खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। बंद सड़कों के कारण हजारों लोग फंसे हुए हैं, जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। भारतीय दूतावास उनकी मदद कर रहा है।
बिहार के पश्चिम चंपारण में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि राज्य में कई स्थानों पर तटबंध टूटे हैं, जिनमें से कुछ की मरम्मत की जा चुकी है, जबकि बाकी तटबंधों को ठीक करने का काम तेजी से जारी है।