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Bypoll 2024: बिहार की 4 सीटों पर वोटिंग आज हो रही है। इस उपचुनाव में बेटे की प्रतिष्ठा बचाने के लिए लालू मैदान में हैं। वहीं राजग सीटें छीनने के लिए तैयार है।
बिहार उपचुनाव: प्रधानमंत्री मोदी और क्षेत्रीय गठबंधनों के लिए अहम परीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को दरभंगा एम्स की आधारशिला रखने जा रहे हैं। उसी दिन, बिहार की चार प्रमुख विधानसभा सीटों—बेलागंज, इमामगंज, तरारी और रामगढ़—पर उपचुनाव के लिए मतदान होगा। ये सीटें गया, कैमूर और भोजपुर जिलों में स्थित हैं, और इन उपचुनावों में कुल 38 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 33 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं। इन सीटों पर मतदान सुबह 7:00 बजे से शुरू होगा।
चुनाव का महत्व और प्रमुख मुद्दे
यह उपचुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चार में से तीन सीटें महागठबंधन (राजद) के पास थीं, जबकि एक सीट पर एनडीए का कब्जा था। राजद नेता लालू प्रसाद यादव के लिए यह चुनाव खास है, क्योंकि उन्होंने खुद मैदान में उतर कर अपने बेटे तेजस्वी यादव की राजनीतिक प्रतिष्ठा बचाने के लिए अभियान चलाया है।
प्रमुख सीटें और प्रमुख उम्मीदवार
1. **रामगढ़**: इस सीट पर राजद, भाजपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। राजद ने सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने अशोक कुमार सिंह को टिकट दिया है और बसपा ने अंबिका यादव के भतीजे सतीश कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। रामगढ़ में पहले भी करीबी मुकाबले देखने को मिले हैं, और इस बार भी यहां कांटे की टक्कर मानी जा रही है।
2. **तरारी** (भोजपुर): यहां एनडीए समर्थित भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत का सीधा मुकाबला महागठबंधन समर्थित भाकपा (माले) के उम्मीदवार राजू यादव से है। यहां मतदाता जातिगत और पारंपरिक समीकरणों के अनुसार गोलबंद हो रहे हैं। जन सुराज पार्टी की किरण सिंह भी मैदान में हैं, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
3. **बेलागंज** (गया): यह सीट राजद की परंपरागत सीट रही है। यहां से लोकसभा सांसद बने सुरेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र विश्वनाथ यादव राजद के उम्मीदवार हैं। वहीं, जदयू ने पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को मैदान में उतारा है। जन सुराज पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी मोहम्मद अमजद को उतारा है। यहां राजद और जदयू के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है।
4. **इमामगंज** (गया): एनडीए ने इस सीट पर हम (सेक्युलर) से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया है। राजद ने रौशन मांझी को टिकट दिया है, और जन सुराज पार्टी के जितेंद्र पासवान ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। यहां स्थानीय बनाम बाहरी के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है।
प्रचार अभियान और राजनीतिक अहमियत
इन चार सीटों पर महागठबंधन और एनडीए के नेताओं ने जोरदार प्रचार किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद पर “जंगलराज” का आरोप लगाते हुए एनडीए के लिए समर्थन मांगा। वहीं, जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने भी अपने उम्मीदवार उतारकर दोनों गठबंधनों को चुनौती दी है, जिससे राजद के परंपरागत वोट बैंक पर असर पड़ सकता है। इसे देखते हुए राजद ने लालू यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, और अन्य दिग्गज नेताओं को भी प्रचार में उतारा।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस उपचुनाव का परिणाम सरकार पर प्रत्यक्ष असर नहीं डालेगा, लेकिन इसका प्रभाव 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर जरूर पड़ेगा। यही कारण है कि एनडीए और महागठबंधन दोनों ही गठबंधनों के नेता अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं।