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EC Changes Rule: चुनाव आयोग ने चुनाव से जुड़े नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत अब मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज उम्मीदवारों और आम जनता को उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे। इस निर्णय पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर हमला बताया है।
क्या हैं नए बदलाव:
- सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं होंगे: पहले कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स के सेक्शन 93(2) के तहत, चुनाव से जुड़े कागजात कोर्ट की अनुमति से निरीक्षण के लिए उपलब्ध कराए जाते थे। अब इसमें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स जैसे सीसीटीवी फुटेज को शामिल नहीं किया जाएगा।
- चुनाव आयोग का पक्ष: आयोग ने कहा कि यह कदम वोटरों की निजता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। संवेदनशील इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने से सुरक्षा जोखिम बढ़ सकते थे।
कांग्रेस का विरोध:
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी इन बदलावों को कोर्ट में चुनौती देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम चुनावी शुचिता और पारदर्शिता को खत्म करने के लिए उठाया गया है।
विवाद की पृष्ठभूमि:
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही में चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़े दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज एक याचिकाकर्ता, एडवोकेट महमूद प्राचा, को उपलब्ध कराए। याचिका में वीडियोग्राफी, सीसीटीवी फुटेज, और फॉर्म 17-सी की प्रतियां मांगी गई थीं।
आयोग का तर्क:
- एआई के जरिए छेड़छाड़ का खतरा: आयोग के अधिकारियों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक होने पर एआई की मदद से इसमें छेड़छाड़ की जा सकती है।
- सुरक्षा और गोपनीयता: अधिकारियों ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से वोटरों की पहचान उजागर होने का खतरा है, जो उनकी सुरक्षा के लिए घातक हो सकता है।
- बिना बदलाव बाकी दस्तावेज उपलब्ध: चुनाव से जुड़े सभी दस्तावेज अब भी निरीक्षण के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स इसमें शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस ने इन बदलावों को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया है और कहा है कि यह कदम निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को कमजोर करता है। चुनाव आयोग ने हालांकि इन बदलावों को जायज ठहराते हुए कहा कि यह वोटरों और चुनावी प्रक्रिया की सुरक्षा के लिए जरूरी है।