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Pramod Krishnam: हिंदुस्तान सनातनियों का देश है, मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं, संभल विवाद के बीच बोले प्रमोद कृष्णम
Pramod Krishnam: कल्कि धाम ऐचोड़ा कंबोह में शनिवार को संभल और सनातन धर्म पर चिंतन-मंथन और मनन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर संत महात्माओं ने कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम के 60वें जन्मोत्सव पर सनातन धर्म पर चर्चा की। सभी संतों ने सनातन धर्म के महत्व और इसके सिद्धांतों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
संभल विवाद के बीच आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “हमारे सनातन धर्म को किस तरह से दबाया गया था, यह सभी को जानना चाहिए। आज हमें सनातन धर्म को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। भारत न तो औवैसी का है, न बाबर और तैमूर का। हिंदुस्तान एक सनातन धर्म का देश है, और यहां पहले मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं। मौजूदा सरकार अब इन मंदिरों की पहचान कर उन्हें पुनर्जीवित कर रही है।”
इससे पहले विधिपूर्वक और मंत्रोच्चारण के साथ महायज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित अतिथियों ने आचार्य प्रमोद कृष्ण की लंबी उम्र, देश में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की और सनातन धर्म की रक्षा के लिए आहुतियां दीं।
आचार्य प्रमोद कृष्ण ने श्री कल्कि भगवान के अवतार की बात करते हुए कहा कि श्री कल्कि भगवान संभल जिले की धरती पर अवतार लेकर सनातन धर्म की रक्षा करेंगे। इस उद्देश्य के लिए श्री कल्कि भगवान का मंदिर निर्माण किया जा रहा है, जो दुनिया का सबसे भव्य मंदिर होगा और भगवान के अवतार से पहले ही बन रहा है।
संविधान विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी त्यागी ने कहा कि हिंदू सनातनी मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए और देश में समान आचार संहिता लागू होनी चाहिए। रामदास तन्दावन ने कहा कि जो लोग डर के कारण हिंदुत्व से अलग हो गए थे, उन्हें फिर से हिंदुत्व धर्म में वापस आना चाहिए।
क्षेमनाथ तीर्थ के महंत बालयोगी दीनानाथ ने कहा कि संभल के सभी 68 तीर्थ स्थलों को खोजकर पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। स्वामी संपूर्णानंद महाराज ने भारतीय संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि संविधान की मूल भावनाओं में सनातन धर्म की अवधारणाओं को पुष्ट किया गया है।
आचार्य प्रमोद कृष्ण ने यह भी बताया कि मंदिर निर्माण के साथ-साथ कल्कि धाम में गुरुकुल विद्यालय और मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी किया जाएगा, ताकि क्षेत्र का विकास किया जा सके।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, “वक्फ बोर्ड को यह समझना चाहिए कि भारत की भूमि भारत की है, न बाबर की और न औरंगजेब की। असदउद्दीन ओवैसी के अंदर कभी जिन्ना की आत्मा आती है, तो कभी बाबर की रूह। वह हिंदुस्तान की बात करें, तालिबान और अफगानिस्तान की बात न करें। भारत में जो भी कानून आता है, सभी धर्मों को उसका सम्मान करना चाहिए। सनातन धर्म की उत्पत्ति इस धरती पर हुई है, और सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन सभी धर्म समान नहीं हैं।”
उन्होंने विपक्षी नेताओं से भी अपील की कि वे भारत माता की जय बोलना शुरू करें, बंदे मातरम गाना शुरू करें और वेदों को नमन करना शुरू करें।