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Tahawwur Rana Extradition India: साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले के एक मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर गुरुवार को भारत लाया गया। अब उस पर भारत में मुकदमा चलेगा।
राणा और हेडली की दोस्ती की शुरुआत
तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली एक साथ पाकिस्तान के एक मिलिट्री बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे। वहीं से दोनों की दोस्ती की शुरुआत हुई। बाद में राणा ने कनाडा की नागरिकता ले ली और अमेरिका के शिकागो शहर में जाकर कई व्यवसाय शुरू किए।
भारत लाया गया तहव्वुर राणा
2008 के मुंबई आतंकी हमले के एक मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर गुरुवार को भारत लाया गया। अब उस पर भारत में देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या और आतंकवाद जैसे गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा चलेगा। इन आरोपों में उसे मौत की सजा तक हो सकती है।
मौत की सजा पर अमेरिका की स्थिति
राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान भारत और अमेरिका, दोनों देशों ने यह स्पष्ट किया कि राणा को दी जाने वाली सजा में मृत्युदंड को बाहर नहीं रखा गया है। इससे यह जाहिर होता है कि मामला कितना गंभीर है। अमेरिका की ओर से इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई गई क्योंकि जिन अपराधों के लिए राणा पर केस दर्ज हुआ है, वे वहां भी अपराध की श्रेणी में आते हैं।
इन धाराओं में दर्ज है केस
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राणा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध), 121-ए (युद्ध छेड़ने की साजिश), 302 (हत्या), 468 और 471 (जालसाजी) के साथ-साथ UAPA की धाराओं 18 और 20 (आतंकी गतिविधियों से जुड़ा अपराध) के तहत मामला दर्ज किया है।
भारत ने अमेरिका को दी सुरक्षा और मानवाधिकारों की गारंटी
भारत सरकार ने अमेरिका को यह भरोसा दिलाया है कि राणा को हिरासत में पूरी सुरक्षा दी जाएगी और उसे प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। इससे पहले 2005 में अबू सलेम के प्रत्यर्पण के समय भारत ने पुर्तगाल को मौत की सजा न देने की गारंटी दी थी, लेकिन राणा के मामले में ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा का जन्म 1961 में पाकिस्तान में हुआ था। वह पाकिस्तानी सेना में कैप्टन रैंक का डॉक्टर रह चुका है। बाद में उसने कनाडा की नागरिकता ली और शिकागो के कैंपबेल एवेन्यू में रहने लगा। उसने एक इमिग्रेशन लॉ सेंटर भी खोला था। 2009 में अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने उसे गिरफ्तार किया था।
कोर्ट दस्तावेजों में क्या है खुलासा?
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, राणा ने न सिर्फ हेडली और अन्य साजिशकर्ताओं को वित्तीय और लॉजिस्टिक मदद दी, बल्कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आकाओं से भी नियमित संपर्क बनाए रखा। उसकी भूमिका सिर्फ समर्थन देने की नहीं थी, बल्कि वह साजिश का सक्रिय हिस्सा था।