Sen your news articles to publish at [email protected]
Cheap & Best: कहानी: लिट्टी वाले राजकुमार की दुकान “चीप एंड बेस्ट”
Cheap & Best: बिहार की राजधानी पटना के मुसल्लाहपुर हाट की एक तंग सी गली में शाम ढलते ही कुछ अलग सा माहौल बनने लगता है। धुएं की खुशबू, सरसों के तेल की महक और घुघनी में पके मसालों की खुशबू जैसे लोगों को खींच लाती है। और उस गली के कोने में चमकती एक छोटी सी दुकान — “चीप एंड बेस्ट”।
इस दुकान के मालिक हैं राजकुमार। उम्र का पता नहीं, चेहरे पर मेहनत की रेखाएं और मुस्कुराहट में आत्मविश्वास की चमक। पिछले 40 सालों से यही दुकान उनकी पहचान है — और पटना वालों के लिए लिट्टी खाने की पहली पसंद।
राजकुमार हर दिन 7 बजे अपनी दुकान खोलते हैं, और फिर 12 बजे तक वो दुकान मानो किसी छोटे मेले जैसी लगती है। लोग लाइन में लगे रहते हैं — रिक्शावाले, कॉलेज के छात्र, ऑफिस के बाबू और यहां तक कि दूर-दूर से आने वाले लोग भी।
“भाई साहब, एक प्लेट देना!”
“बस वही 15 रुपए वाली, प्याज-मिर्च डालना मत भूलिए!”
राजकुमार की लिट्टी का कमाल ये है कि सिर्फ 15 रुपए में मिलती है 10 लिट्टियों की एक प्लेट — साथ में गरमा-गरम चना घुघनी, कटा हुआ प्याज और तीखी हरी मिर्च। कोई सोच भी नहीं सकता कि इतने कम में इतना स्वाद!
पूरे दिन में 100 किलो आटा खर्च होता है। कड़ाही में तली जाती हैं ये लिट्टियां खाने कुरकुरी के साथ मस्त लगती है. और जब घुघनी के साथ मिलती है, तो स्वाद ऐसा कि लोग प्लेट खत्म करके ही सांस लेते हैं.
2019 में एक प्लेट 10 रुपए में मिलती थी, लेकिन 2020 से लिट्टी का रेट डेढ़ रुपए प्रति पीस हो गया — तब से 15 रुपए में मिलती है पूरी प्लेट। लेकिन कोई शिकायत नहीं करता, क्योंकि स्वाद वही है, और प्यार भी।
कई बड़े-बड़े शहरों में रह चुके लोग जब पटना लौटते हैं, तो सबसे पहले राजकुमार की लिट्टी खाने आते हैं। और वो भी हर किसी को नाम से नहीं, स्वाद से पहचानते हैं।
राजकुमार खुद कहते हैं —”नाम बड़ा नहीं है, पर काम बड़ा है। जो एक बार खा लेता है, फिर बार-बार आता है। यही मेरी असली कमाई है।”
क्योंकि ये सिर्फ लिट्टी नहीं, राजकुमार की मेहनत, ईमानदारी और स्वाद की कहानी है — जो पिछले 40 साल से पटना की शान बनी हुई है।