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STP Limited Company में Explosion के बाद लगी आग, मामला कानूनी दायरे में; प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज
जमशेदपुर: बोड़ाम थाना क्षेत्र में स्थित एसटीपी लिमिटेड कंपनी (STP Limited Company) में 5 जून को हुए विस्फोट के बाद आग लगी और जहरीली गैसें फैलने का मामला अब कानूनी दायरे में आ गया है। दो दिन के अंतराल के बाद बोड़ाम पुलिस ने शनिवार को कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया। प्राथमिकी के तुरंत बाद रविवार को पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ की गई है। घटनास्थल का निरीक्षण भी फिर से किया गया है।
STP Limited Company में Explosion के बाद लगी आग
यह एफआइआर बोड़ाम पुलिस के सब-इंस्पेक्टर विनोद सिंह ने दर्ज कराई है। इसमें कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, जनरल मैनेजर एस रवींद्रनाथ और मुख्य प्रवक्ता सुभाष भट्टाचार्य समेत कई अन्य उच्च अधिकारियों के नाम शामिल हैं। जनरल मैनेजर रवींद्रनाथ रायपुर के रायपुरनगर क्षेत्र के सिरोमनगर का निवासी है, जबकि मुख्य प्रवक्ता भट्टाचार्य बसंत विहार कॉलोनी में रहते हैं।
पुलिस ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाना, लापरवाही बरतना और बिना कागजात कंपनी को संचालित करना शामिल है।
घटना 5 जून की शाम को घटी जब कंपनी का 20 टन क्षमता वाला अलकतरा टैंक तेज तापमान के कारण फट गया। विस्फोट के बाद भारी मात्रा में जहरीली गैस का रिसाव हुआ, जिससे आसपास की बस्तियां हड़कंप मच गईं। घटना के तुरंत बाद लोग सड़क पर उतर आए और विरोध जताने लगे। पुलिस को स्थिति संभालने के लिए मौके पर आना पड़ा।
आदेश की कॉपी नहीं
विस्फोट के बाद कंपनी के जीएम रवींद्रनाथ ने दावा किया कि यह हादसा तापमान बढ़ जाने से हुआ। लेकिन जांच में यह सामने आया कि कंपनी इको सेंसिटिव क्षेत्र में चल रही थी। जब पुलिस ने कंपनी प्रबंधन से अनुमति दिखाने को कहा, तो कोई प्रमाण नहीं दिया गया। इसलिए पुलिस ने तुरंत कंपनी को बंद करने का आदेश दिया और कार्रवाई की। आदेश की कॉपी नहीं दिखाने पर पुलिस ने मजबूर होकर मामला दर्ज किया।
अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच शुरू हो चुकी है। झारखंड में पर्यावरण सुरक्षा को लेकर यह घटना फिर से सवाल खड़े कर गई है, खास तौर पर उन केंद्रों पर जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन से लेकर पर्यावरण विभाग तक, सभी की निगरानी कमजोर नजर आ रही है। आने वाले समय में पुलिस और अधिकारियों के कदम क्या होंगे, यह देखना जरूरी है।
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