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हमारी पहचान, हमारा अधिकार: एकल महिलाओं की पंचायत स्तरीय हुंकार
झारखंड (Jharkhand): हमारी पहचान, हमारा अधिकार के तहत छोटा दावना पंचायत भवन में एकल नारी सशक्ति संगठन, झारखंड की ओर से पंचायत स्तरीय सम्मेलन संपन्न हुआ। इस पंचायत सम्मेलन में पंचायत के सैकड़ो एकल महिलाएं शामिल हुई। सम्मेलन में कुमार दिलीप ने कहा की एकल नारी सशक्ति संगठन, झारखंड 2005 में बनी है। तब से लेकर आज तक लगातार इन 20 वर्षों में 34000 से ज्यादा एकल महिला संगठन में सीधे तौर पर जुड़ी है। संगठन में जुड़ने की प्रक्रिया को विस्तार से बताया।
हमारी पहचान, हमारा अधिकार
संगठन की उपलब्धियां को बताते हुए प्रीति गुड़िया ने कहा कि अब तक हमें पेंशन के रूप में ₹1000 मात्र पेंशन मिल रही है। इस पेंशन राशि को 3000 करने के लिए मांग पत्र भेजा जाय। हमें संगठित होकर अपने हक अधिकार के लिए लड़ना होगा।
शिवानी बारीक में कहा कि सभी एकल नारियों के लाल कार्ड तथा हर कार्ड को अंत्योदय कार्ड में परिवर्तित कर 35 किलो अनाज मुहैया कराया जाय।
ग्राम प्रधान सह सामाजिक कार्यकर्ता सुंदर मोहन ने कहा कि एकल महिलाएँ किसी से कम नहीं हैं। मैं यही कहना चाहूँगा कि एकल नारी की समस्या हमारी समस्या होगी। इन समस्याओं को समाधान करने के तैयार रहूंगा।
मुखिया देवी लाल सोरेन ने कहा कि जिस किसी का पेंशन, राशन आदि नहीं हुआ है हमें सूचित करें, उसका निदान किया जाएगा।
उन्होंने कई महिला की पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए त्वरित पहल किया।

तीन बिंदुओं को स्पष्ट रूप से कहा
इसी तरह छोटा दावना पंचायत में आज सम्मेलन संपन्न हुई और सम्मेलन में 23 सदस्य पंचायत कमेटी बनी है। जिसमें प्रति गांव के प्रति टोला के दो-दो एकल महिलाओं को शामिल किया गया। उन्होंने प्रतिमा के 7 तारीख को बैठक करने का निर्णय लिया है।
एकल महिलाओं का कहना है कि हमारा 4 महीना से पेंशन रुकी हुई है, सरकार से हमारा आग्रह है कि हमारे बकाया राशि भुगतान किया जाए एवं भविष्य में इसे निरंतरता बनाए रखा जाए।
सम्मेलन के अंत में सैकड़ों महिलाओं ने राज्य सरकार मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार के नाम तथा केंद्र सरकार प्रधान मंत्री के नाम एक पोस्ट कार्ड तैयार किया। जिसमें तीन बिंदुओं को स्पष्ट रूप से कहा गया।
1. हम एकल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए एवं महंगाई को ध्यान में रखते हुए 1000 से बढ़कर 3000 पेंशन किया जाए।
2. हमारी लाल कार्ड और हरा कार्ड को परिवर्तित करते हुए अंत्योदय कार्ड बनाकर हमें 35 किलो अनाज उपलब्ध कराया जाए ताकि हमारे पूरे परिवार का पेट भर सके।
3. भूमिहीन एकल महिलाओं को आजीविका एवं मकान बनाने के लिए हमें जमीन उपलब्ध कराई जाए।
सभी ने हस्ताक्षर करके 23 जून अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस के अवसर पर पोस्ट ऑफिस के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली को भेजा जाएगा।
इस बैठक में मुख्य रूप से पंचायत के साहबराम महतो, महावीर हेंब्रम, पंचायत सचिव दीपक कुमार महापात्र शामिल हुए।
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