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गया: आज भगवान बुद्ध की 2566वीं जयंती है। इस खास मौके पर भगवान बुद्ध का ज्ञान स्थल बोधगया का माहौल बुद्धमय हो गया है। पूरे शहर में बुद्धम शरणम् गच्छामि की गूंज सुनाई दे रही है। पूरे बोधगया को पंचशील ध्वज से सजाया गया है। जयंती का शुभारंभ सुबह 6:30 बजे बोधगया स्थित 80 फुट बुद्ध मूर्ति से बुद्ध प्रतिमा के साथ हुआ। बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं ने जापान के दाईबुत्सु से धम्मयात्रा निकाली जिसके साथ ही बोधगया में भगवान बुद्ध की 2566वीं जयंती का शुभारंभ हुआ।
श्रद्धालुओं ने महाबोधि मंदिर पहुंचकर विश्वशांति और सबकी मंगलकामना की प्रार्थना की। भगवान बुद्ध की जयंती में भाग लेने के लिए देश के अलावा अन्य देशों के तकरीबन दस हजार बौद्ध श्रद्धालु बोधगया पहुंचे हैं। 10 बजे समारोह के मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल फागु चौहान ने जयंती समारोह में हिस्सा लिया। अतिथियों और श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए बोधगया शहर को पंचशील ध्वज, तोरण द्वार और अत्याधुनिक कृत्रिम प्रकाश से सजाया गया है। महाबोधि मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है।
जिस वृक्ष की छांव में बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति होगी उसी वृक्ष की छांव में सूत पाठ के साथ विश्व शांति के लिए प्रार्थना की जाएगी। यहां पर ही प्रसाद स्वरूप खीर का वितरण भी किया जाएगा। इंटनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल बोधगया के जेनरल सेक्रेटरी भिक्खु प्रज्ञादीप ने कहा कि महात्मा बुद्ध की त्रिविध पावन जयंती समारोह का देश-विदेश में व्यापक असर पड़ा है। महात्मा बुद्ध के संदेश का न केवल विदेशों में बल्कि भारत में भी खासा असर हुआ है।