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Election Commission ने एक करोड़ मतदाताओं की हेरा फेरी

election commission manipulated the names of one crore voters
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फल बेचने वाला अपने सड़े गले हुए स्टॉक में से काफी फल आपको वजन करके दे देता है। आप यदि 1 किलो आम लेना लेना चाहते हैं तो उसके साथ वह 1 किलो और आम को  तौल कर और उसमें खराब फलों को मिलाकर 2 किलो का वजन कर देता है. आप 1 किलो  आम  को खरीदने पर ही कायम रहते हैं, तब वह चालाकी के साथ, आपके चुने हुए अच्छे फल निकाल देता है..

इस तरह आपके चुने हुए तीन आम में  से एक को सड़े हुए आम से बदल देता है. इसके लिए उसकी जल्दीबाजी और हाथ की सफाई के पीछे उसका अपना मकसद है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के  केंपस मैं इंदिरा भवन में आज एक बड़े स्क्रीन पर आंकड़ों को समझाते हुए राहुल गांधी ने सवा घंटे का संबोधन किया.

यह संवाददाता सम्मेलन था और इसके माध्यम से राहुल गांधी ने देश के सामने एक ऐसे घोटाले को उजागर किया जिसे वे वोटो की चोरी कहते हैं. उलट पलट करके वह आपके खरीदे हुए फलों की टोकरी में आपके सामने ही और आपके ना चाहते हुए ही खराब सामान डाल देता है.

Election Commission ने एक करोड़ मतदाताओं की हेरा फेरी

राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता करके बड़े स्क्रीन पर चुनाव आयोग के द्वारा किए गए उलट पलट को उजागर कर दिया. चुनाव आयोग (Election Commission) के उलट पलट को को बड़े पर्दे पर उजागर करते हुए राहुल गांधी ने 22 पन्नों का डॉक्यूमेंट जारी किया है. यह दस्तावेज बताता है कि वोटर लिस्ट में नाम बढ़ाया गया इसलिए कि मतदाताओं के जनमत को करप्ट किया जा सके.

नाम काटा जाएगा इसलिए कि पूरे चुनाव प्रक्रिया को करप्ट किया जा सके.. अगर ऐसा किसी लापरवाही की वजह से नहीं हो रहा है बल्कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है. साथी गड़बड़ी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. राहुल गांधी ने एक करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल करके खासकर महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव नतीजे को पलट देने का आरोप सीधे चुनाव आए ऊपर डाल दिया.

हमें इंतजार करना चाहिए कि आज ही भारतीय जनता पार्टी का आईटी सेल एक ही दिन  के अंदर इन सभी दस्तावेजों पर आधारित राहुल गांधी के स्पष्ट बयानों को पलट देने के लिए क्या तैयारी कर रहा है. भाजपा नेता इस पूरे तथ्य के अंदर कई तथ्य को मिलाकर के,  गड़बड़ करने की कोशिश करेंगे — ताकि ध्यान इस तरफ से हट जाए या उलट कुछ उंगलियां राहुल गांधी की तरफ तन जाएं.

5 महीने के अंदर एक करोड़ नए मतदाताओं को जोड़ा गया

देखना है कि  चुप्पी से चुनाव आयोग जवाब देती है,  या फिर राहुल गांधी के खिलाफ कोई धमकी भरा हुआ काम करती है. आखिर अब तक तो सब कुछ बेशर्मी के साथ ही किया जा रहा है. राहुल गांधी ने विस्तार से बताया, कि इलेक्शन कमीशन ने महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद 5 महीने के अंदर  एक करोड़ मतदाताओं का नाम घुसा दिया है.

कांग्रेस पार्टी के अनुमानों पर पानी फेर दिया गया तब इसकी जांच की शुरुआत की गई. महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में  इंडिया गठबंधन को जीत मिली थी. इस वजह से विधानसभा चुनाव के पहले 5 महीने के अंदर एक करोड़ नए मतदाताओं को जोड़ा गया.

इनकी जांच करने पर पता चला,  कि ऐसे व्यक्ति जोड़े गए,  जिनमें से हजारों के नाम के आगे या तो पता नहीं था या हाउस नंबर 0 – 0  zero लिखा था. एक ही कमर्शियल  की बिल्डिंग का पता 10 हजार मतदाताओं के लिए इस्तेमाल  किया गया था.

एक ही कमरे के मकान में 50 -60- 70 और 80 लोगों का  नाम और पता था  कर्नाटक के एक लोकसभा क्षेत्र के सभी मतदाता लिस्ट की समीक्षा करने में कांग्रेस पार्टी को 6  महीना  लग गया. हार चुके 7  सीट  में से एक लोकसभा सीट की जांच इस आधार पर की गई कि यहां बीजेपी की लीड एक लाख 14 हजार रही थी। इस लोकसभा सीट का नाम महादेव सीट है जो कर्नाटक का है.

फोटो और नाम मिलाने में 6 महीना लगा

स्क्रीन पर इसे दिखाते हुए राहुल गांधी दूध का दूध और पानी का पानी करने के अंदाज में प्रेस को संबोधित किया. 1 घंटे से ज्यादा तक बोलते हुए अकेले स्क्रीन के सामने खड़े होकर प्रेस  को संबोधित करते हुए राहुल गांधी आत्मविश्वास से भरे हुए थे.

राहुल गांधी अपना बेस्ट देते आ रहे हैं और उसे बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं. हर एक मतदाता और उसके फोटो को मिलाया गया. मतदाताओं के दिए गए फोटो और नाम मिलाने में 6 महीना लगा.  इस काम को   मैन्युअल स्तर पर किया जाना था क्योंकि एक-एक फॉर्म और फोटो को मिलना था.

6 महीना के बाद राहुल गांधी ने मतदाता के संदर्भ में चुनाव आयोग की गड़बड़ियों का राहुल गांधी ने  पूरा पिटारा खोल दिया. चुनाव आयोग से जब राहुल गांधी पूछते हैं या फिर सीसीटीवी फुटेज मांगते हैं,  तब उसका छुपाने वाला जवाब आता है।

जवाब में लिस्ट देने की जगह यह भी कहा गया  की 45 दिन में उन लोगों ने फुटेज मिटाना शुरू कर दिया था. इलेक्ट्रॉनिक के इस युग में  मेमोरी, और हार्ड डिस्क  में,  बहुत कुछ डाटा फोटो और आंकड़ा बचा कर रखा जा सकता है,  चुनाव आयोग की उन्हें मिटा देने के लिए यह जल्दी बाजी, समझ से परे है.

चुनाव आयोग फर्जी मकसद से ऐसा कर रही

चुनाव आयोग फर्जी मकसद से ऐसा कर रही थी कागज को मिटाने की जल्दीबाजी होती रही फॉर्म सिक्स में नए वोटरों के नाम जोड़े गए थे। एक महिला का जिक्र स्क्रीन पर राहुल गांधी ने किया. 70 वर्ष की उम्र की इस महिला मैं ज्यादा दफा कोशिश की की उसका नाम जुड़े और नाम में हर बार थोड़ा बदलाव किया गया.. फोटो वही था.

महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच के 5 महीने में एक करोड़ में मतदाता जोड़े गए. उनके संदर्भ में सभी तरह की मिसाल है राहुल गांधी ने दी. कर्नाटक में लोकसभा चुनाव 2024 में उनके 16 सीट पर जीतने का अनुमान था पर नौ पर ही जीत मिली.

7 सीट में से एक महादेव सीट  की जांच को कांग्रेस पार्टी ने गंभीरता से लेकर महीना प्रयास किया. राहुल गांधी ने बड़े स्क्रीन पर चुनाव आयोग की धोखाधड़ी के बारे में विस्तार से प्रेस को संबोधित किया. राहुल गांधी ने दो नाम बताएं वह कीरत सिंह और आदित्य श्रीवास्तव. एक राज्य में कई बूथ पर कई विधानसभा क्षेत्र में इनका नाम था

और इनका नाम कर्नाटक महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र में था. नाम वही पिता का नाम वही पता वही और फोटो वही राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के द्वारा,  अंतिम समय,  चुनाव की तारीख बदल दिए जाने–  चुनाव को कई चरणों में कराए जाने — के साथ-साथ उसके आपत्तिजनक अन्य व्यवहारों का भी जिक्र किया.

इनमें सेकई काम S. I. R.  के नाम पर. किया गया है बिहार में मतदाता गहन परीक्षण यानी की SIR को जल्दी बाजी में कराए जाने और 65 लाख मतदाताओं का नाम काट देने पर  सुप्रीम कोर्ट ने कड़े निर्देश दिए हैं.

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