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C-Voter के सर्वे में Tejaswi Yadav सबसे आगे, बिहार में बदलाव के संकेत

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C-Voter के सर्वे में tejaswi Yadav सबसे आगे

मुख्यमंत्री के तौर पर बिहार की पहली पसंद तेजस्वी यादव ही हैं। हर सर्वे यही बता रहा है। सी-वोटर (C-Voter) के ताजा सर्वे में भी यही बात सामने आई है। सबसे बड़ी बात है कि पिछले 1 महीने में इस पसंद में 5% की बढ़ोतरी हुई है। अगस्त के महीने में जहां 31% लोग तेजस्वी को सीएम बनते देखना चाहते थे, तो वहीं सितंबर आते-आते अब यह आंकड़ा 36% हो चुका है। जबकि नीतीश कुमार महज 16% लोगों की पसंद है। वहीं प्रशांत किशोर की लोकप्रियता भी काफी तेजी से बढ़ी है। उन्हें 23% लोग मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। जबकि चिराग पासवान को महज 10% लोग।

तेजस्वी युवाओं महिलाओं के मुद्दे उठा रहे

तेजस्वी यादव को लोग इतना पसंद कर रहे हैं तमाम सियासी जानकारों से जब इस बाबत सवाल पूछा गया कि आखिर तेजस्वी को लोग इतना पसंद क्यों कर रहे हैं? तो उनका कहना यही है कि तेजस्वी युवा हैं। विकास की बात कर रहे हैं। युवाओं महिलाओं के मुद्दे उठा रहे हैं। तेजस्वी यादव ने अपने एमवाई नैरेटिव को पूरी तरह से चेंज करते हुए मुस्लिम यादव से महिला युवाओं में शिफ्ट कर दिया है। एमवाई जो पहला है वह तो है ही लेकिन इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं और युवाओं पर इस बार सबसे ज्यादा ध्यान दिया है।

मां और बेटी योजना की शुरुआत

बार-बार वो नौकरी की बात करते हैं, शिक्षा की बात करते हैं, पलायन की बात करते हैं। वहीं दूसरी तरफ महिलाओं को लेकर भी लगातार तेजस्वी यादव बातें कर ही रहे हैं और इस बीच तो उन्होंने एक योजना की भी घोषणा कर दी है। खासकर महिलाओं के लिए जो मां और बेटी योजना है यह उनके लिए चालू करने की बात कही है। जिसमें जो घर की महिलाएं हैं उन्हें मकान, अन्न और इसके साथ ही आमदनी देने की भी बात कही गई है। वहीं बेटियों के लिए भी शिक्षा और बाकी नौकरियों से जुड़ी काफी सारी बातों की जो झड़ी है वह उन्होंने लगा दी है।

तेजस्वी का फोकस रोटी और रोजगार पर

अपनी योजनाओं में और इसके साथ ही 17 महीनों के अपने उप मुख्यमंत्री के कार्यकाल में तेजस्वी का फोकस नौकरी रोजगार पर ही रहा है। यह लोगों के विश्वास को और बढ़ा रहा है क्योंकि जब 17 महीने तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे तो उस वक्त बिहार में नौकरियों की बहार लोगों ने देखी थी। कई लोग वहां पर नौकरियां पाते हुए दिखाई भी दिए थे और इसी वजह से तेजस्वी को लोग पसंद कर रहे हैं क्योंकि जॉब बिहार में सबसे बड़ी चीज है। जो युवा हैं वो सड़कों पर लाठियां खाते हैं। पुलिस की लाठियां खाते हैं। क्यों? क्योंकि वो एक अच्छी नौकरी चाहते हैं। वो एक सरकारी नौकरी चाहते हैं जिससे कि उनके जो घर है वो एक नॉर्मल फैमिली में तब्दील हो सके।

बिहार अधिकार यात्रा के जरिए भी तेजस्वी की पकड़ मजबूत

लेकिन वह चीज इस वक्त नहीं हो पा रही है। बार-बार युवाओं को सड़कों पर उतरना पड़ता है। पूरे बिहार की हम यहां पर बात कर रहे हैं। सिर्फ एक जगह की बात नहीं हो रही है। प्रदर्शन सिर्फ पटना में ही नहीं हो रहे हैं। बल्कि कई जगहों पर ऐसे प्रदर्शन देखने को मिले हैं जहां पर जो युवा हैं, जो कर्मचारी हैं, जो संविदा कर्मी हैं, वह सभी सड़कों पर दिखाई दे जाते हैं। मार खाते हैं, पुलिस की लाठियां खाते हैं लेकिन डटे रहते हैं। प्रदर्शन करते रहते हैं कि उन वो अपनी मांगों पर अड़े रहते हैं।

उधर दूसरी तरफ महिलाओं की अगर बात करें तो महिलाओं के लिए तेजस्वी शुरुआत से ही योजनाओं पर बात कर रहे हैं। इसका फायदा भी उन्हें अच्छा खासा मिल रहा है और इसके साथ ही वोट अधिकार यात्रा और बिहार अधिकार यात्रा के जरिए भी तेजस्वी की पकड़ और मजबूत हुई है। हालिया सर्वे में जब इससे पहले सर्वे आए थे तो इसमें कई महिलाएं ऐसी थी जो कि महागठबंधन की तरफ झुकती हुई दिखाई दे रही थी।

तेजस्वी का क्रेज भी लगातार बढ़ता ही जा रहा

सीधे तौर पर तेजस्वी की तरफ झुकती हुई दिखाई दे रही थी कि उनकी तरफ जो महिलाएं हैं अब चाह रही हैं कि तेजस्वी आए। तेजस्वी को मुख्यमंत्री के रूप में वह देखना चाहती हैं क्योंकि उपमुख्यमंत्री का कार्यकाल देखा हुआ है। यही वजह है कि तेजस्वी का क्रेज भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। उनकी रैलियों में जो भीड़ देखने को मिल रही है यह भीड़ ऐसे ही बुलाई हुई भीड़ नहीं है बल्कि वहां पर लोग खुद से पहुंच रहे हैं। तेजस्वी को सुनना चाहते हैं। उनकी बातों को सुनना चाहते हैं। इस वजह से पहुंच रहे हैं। तेजस्वी सीधे-सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोलते हैं और बार-बार नीतीश को हटाने की अपील भी करते रहते हैं और इसके साथ ही उन्होंने तो यह भी कह दिया कि नीतीश चाचा हाईजैक हो चुके हैं।

तेज प्रताप की अपनी पार्टी

आज तेज प्रताप यादव अपनी पार्टी बना चुके हैं। रोहिणी आचार्य खफा हैं। ऐसे मुश्किल दौर में भी तेजस्वी ने धैर्य नहीं खोया है। रोहिणी को लेकर जब बीते दिनों खबरें आ रही थी तो उस वक्त भी तेजस्वी ने कहा था कि वह हमारी बड़ी बहन है। उन्होंने हमें पालापसा है और यह सारी बातें बेकार की बातें हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर तेज प्रताप की बात करें तो वह भले ही परिवार और पार्टी से अलग हो चुके हैं और अब तो उन्होंने अपनी पार्टी भी बना ली है। तो इस बीच कहा जा रहा था कि उनकी वजह से कहीं तेजस्वी को कोई नुकसान तो नहीं होगा लेकिन ऐसा होता हुआ बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहा है।

तेजस्वी पूरे धैर्य के साथ काम कर रहे

तेजस्वी पूरे धैर्य के साथ काम कर रहे हैं। लगातार यात्राएं कर रहे हैं। लोगों से मिल रहे हैं। जनता के बीच पहुंच रहे हैं और वही इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि महज एक हफ्ते के बाद जो बिहार में चुनाव की तारीखें हैं उनका ऐलान हो जाएगा और अगले महीने तक जो चुनाव है उसकी भी जो डेट्स हैं डेट तो आ ही जाएंगी और साथ ही चुनाव की शुरुआत भी हो जाएगी। इसी महीने के आखिर तक कहा जा रहा है कि पहले चरण हो भी सकता है। अब देखना होगा कि डेट्स किस तरीके से निकलती है।

तेजस्वी का फोकस पूरी तरह से क्लियर

तेजस्वी का फोकस उनका गोल पूरी तरह से क्लियर है। तेजस्वी युवा हैं और अपनी पूरी ऊर्जा लगाकर वह मोदी नीतीश से लड़ रहे हैं। यह महासमर है। तेजस्वी 2020 के योद्धा रहे हैं और अब तो 2025 सामने है। शंखनाद होने को ही है। यह सर्वे बिहार की एक धुंधली तस्वीर दिखा रहा है। अब देखना होगा कि तेजस्वी यादव के सिर ताज सजेगा या फिर परिणाम कुछ और हो जाएंगे।

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