Vimarsh News
Khabro Me Aage, Khabro k Pichhe

Gadkari ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़े? Ethanol, E20 और Siyan Agro का उछाल

gadkari breaks all earnings records ethanol e20 and siyan agro boom 20251010 075906 0000
0 92

क्या सस्ते पेट्रोल का वादा बस एक सपना था, और असल फायदा किसी और को मिल गया? यही सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जिसने कभी उम्मीद की थी कि ईंधन सस्ता होगा, घर का बजट हल्का होगा और सफर आसान हो जाएगा। बात शुरू हुई इथेनॉल फैक्ट्रियों के वादों से, भरोसे से भरे भाषणों से, और खत्म पहुंची शेयर बाज़ार में गूंजती एक कंपनी के नाम पर, जिसे चलाते हैं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के बेटे निखिल गडकरी। इसी कहानी को, आंकड़ों और प्रतिक्रियाओं के साथ, यहां समेटा गया है।

Gadkari ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़े: सस्ते ईंधन का बड़ा वादा, नतीजा उलटा

एक समय नितिन गडकरी ने पूरे विश्वास से कहा था कि इथेनॉल प्लांट लगने पर पेट्रोल ₹55 और डीजल ₹50 प्रति लीटर मिलेगा। उस वक्त लोगों ने राहत की सांस ली थी। यह लाइन लोगों के मन में बस गई थी, जल्द ही देश में पेट्रोल ₹55 और डीजल ₹50 प्रति लीटर मिलेगा। उम्मीद थी कि महंगाई कम होगी, और आम आदमी की जिंदगी थोड़ी आसान हो जाएगी।

साल बीत गए, पर वह दिन नहीं आया। पेट्रोल डीजल की कीमतें कम होने के बजाय और ऊपर चली गईं। हर महीने ईंधन पर खर्च बढ़ा, ट्रांसपोर्ट महंगा हुआ, और रोजमर्रा की चीजें भी असर में आईं।

  • वादा: आम लोगों को सस्ता पेट्रोल और डीजल.
  • हकीकत: कीमतें लगातार ऊपर, घर का बजट और तंग.

इस पूरे दौर में एक ओर जनता उम्मीद थामे रही, दूसरी ओर यह सवाल गहरा होता गया कि जो नीतियां लोगों के हित में थीं, उनका असर जमीन पर क्यों नहीं दिखा।

E20 पेट्रोल की नई कहानी, पुरानी चिंता

हाल के महीनों में E20 पेट्रोल पर फिर से चर्चा तेज हुई। नितिन गडकरी ने कई मंचों पर कहा कि यह देश के लिए किफायती और प्रदूषण कम करने वाला विकल्प है। उनके मुताबिक इस कदम से किसानों को बड़ा फायदा होगा और ऊर्जा क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनेगा। उनकी बातों का सार यह रहा, E20 पेट्रोल देश के लिए एक किफायती और प्रदूषण मुक्त विकल्प है।

कहा गया कि जैसे-जैसे इथेनॉल प्लांट बढ़ेंगे, ईंधन के दाम घटेंगे। मगर आज की हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। दाम नीचे नहीं आए, और लोगों की जेब पर बोझ ही बढ़ा।

किसानों को फायदा, मगर दिखा क्या?

कागज पर योजना साफ है, पर सवाल जमीन से जुड़े हैं।

  1. किसान आज भी कर्ज में डूबे हैं।
  2. आय बढ़ने की ठोस तस्वीर नजर नहीं आती।

अगर सच में यह नीति किसानों के लिए थी, तो उनके जीवन में आराम क्यों नहीं दिख रहा? क्या सप्लाई चेन, मूल्य और भुगतान के बीच कहीं कड़ी टूटी हुई है, या प्राथमिक लाभ कहीं और जा रहा है?

Siyan Agro Industries की छलांग, एक साल में गणित बदल गया

इसी बीच निखिल गडकरी से जुड़ी कंपनी Siyan Agro Industries चर्चा में आ गई। एक साल पहले तक जहां कंपनी की कमाई करीब 17 करोड़ बताई जा रही थी, वहीं अब तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। जून 2025 में कमाई 510 करोड़ तक पहुंच गई, फिर अक्टूबर 2025 तक मार्केट कैप ₹7500 करोड़ से भी ऊपर निकल गया। शेयर कीमत एक महीने में 2800 तक पहुंच गई। यह उछाल असामान्य था, और लोगों ने इसे ध्यान से देखा।

अगर किसी ने एक साल पहले इसमें ₹1 लाख लगाए होते, तो आज वह रकम बढ़कर करीब ₹1 करोड़ 45 लाख बताई जा रही है। सोचिए, 1 साल में ऐसे रिटर्न कहां दिखते हैं? यही वजह है कि इस उछाल पर बहस तेज हुई, सवाल भी बढ़े और संयोगों पर शंका गहराई।

नीचे इन आंकड़ों को एक नजर में देखें:

अवधि/इंडिकेटर
आँकड़ा

जून 2024, अनुमानित कमाई
करीब 17 करोड़

जून 2025, कमाई
510 करोड़

अक्टूबर 2025, मार्केट कैप
7500 करोड़ से अधिक

हालिया 1 महीना, शेयर कीमत
2800 तक उछाल

एक साल में ₹1 लाख का संभावित मूल्य
₹1 करोड़ 45 लाख के आसपास

यह ग्राफ जैसा उछाल Siyan Agro को देश की सबसे तेज बढ़ती कंपनियों की कतार में ला खड़ा करता है। यही बात आम लोगों को खटकती है। जब ईंधन सस्ता नहीं हुआ, और लोग रोज की लागत से जूझ रहे हैं, तो एक परिवार से जुड़ी कंपनी इतनी तेजी से कैसे ऊपर चली गई?

पारदर्शिता के सवाल, जनता बनाम परिवार

क्या यह नीतियां देश के लिए बनी है या फिर किसी खास परिवार के लिए? अगर ईथेनॉल नीति किसानों और देश के लिए थी, तो लाभांश सबसे पहले खेत तक क्यों नहीं पहुंचा? क्या मंत्री का पद और नीति निर्माण की ताकत किसी निजी कंपनी के लिए अप्रत्यक्ष बढ़त बन रहे हैं? यह सवाल ज़रूरी हैं, क्योंकि जवाबों में जनता का हित छिपा है।

सोशल मीडिया पर तूफान, तंज और तालियां

सोशल मीडिया पर इस पूरे मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। कई पोस्ट में Siyan Agro के रॉकेट जैसे उछाल, और निखिल गडकरी के संभावित अरबपति बनने की चर्चा दिखी।

गडकरी ने मार्केट को हरा दिया है। अब सभी फाइनेंशियल एडवाइज़र्स आराम कर सकते हैं। अगर आपने एक साल पहले इनके बेटे के कंपनी में 10 लाख लगाए होते तो आज आपके खाते में ₹1 करोड़ 45 लाख होते। कौन इस रिकॉर्ड को तोड़ सकता है? आपका दिमाग सच में ₹200 करोड़ प्रति महीने का है नितिन गडकरी। आप जैसी इनोवेट करने की क्षमता किसी में नहीं है।

एक यूजर Piyush Trades ने लिखा कि निखिल गडकरी अरबपति बनने के बेहद करीब हैं, क्योंकि Siyan Agro का मार्केट कैप 7500 करोड़ के पार है। उसने यह भी कहा कि शेयर हर दिन अपर सर्किट में है, और अगर यह सिलसिला एक हफ्ता चला, तो यह माइलस्टोन पार हो जाएगा।

मुख्य बिंदु:

  • मार्केट कैप 7500 करोड़ से ऊपर.
  • शेयर लगातार अपर सर्किट की ओर.
  • अरबपति बनने की दहलीज के करीब.

पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने भी टिप्पणी की। उनकी पोस्ट का सार था, नितिन गडकरी को बहुत-बहुत बधाई और पॉलिसी मेकिंग के इस संस्करण में उनके सफलता में सहायक होने के लिए धन्यवाद नरेंद्र मोदी। नितिन गडकरी के बेटे अरबपति बनने वाले हैं क्योंकि उनकी कंपनी Siyan Agro का मार्केट कैप अब 7500 करोड़ से भी ऊपर पहुंच चुका है। हर दिन इस कंपनी के शेयर में जबरदस्त उछाल आ रहा है और अगर यह सिलसिला एक हफ्ते तक जारी रहा तो वह आधिकारिक तौर पर अरबपति भी बन जाएंगे।

इन प्रतिक्रियाओं से एक भाव साफ दिखा। लोग इसे नीति, बाजार और परिवार के लाभ के बीच टकराव के रूप में देख रहे हैं। जहां जनता को सस्ते ईंधन की राहत नहीं मिली, वहां एक कंपनी का उछाल सवाल खड़े करता है।

लोगों की झुंझलाहट, अधूरे वादे और बढ़ता असर

जनता का गुस्सा केवल ईंधन तक सीमित नहीं है। कहा गया था कि सड़कें दुनिया जैसी बनेंगी, सफर सुचारु होगा, खर्च कम होगा। असल में, ना सड़कें वैसी बनीं, ना ईंधन सस्ता हुआ। ऊपर से, असर यह दिखा कि जनता का विकास तो नहीं हुआ लेकिन गडकरी के परिवार वालों का जरूर हो रहा है। कई लोग इसे अपनी थाली से निवाला छिनने जैसा मानते हैं, क्योंकि ईंधन महंगा होने का असर हर चीज पर आता है, सब्जी से लेकर स्कूल बस तक।

इसे भी पढ़ें – Bihar Elections: चिराग, मांझी, कुशवाहा को सिर्फ 38 सीटें? तीनों सहयोगी बीजेपी से नाराज़ क्यों?

Leave a comment