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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर बिहार में बड़ी पहल, शिक्षकों के लिए ‘मानसिक स्वास्थ्य एवं भावनात्मक कल्याण’ मॉड्यूल लॉन्च

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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शुक्रवार को पटना में “विद्यालय- मानसिक कल्याण एवं उन्नति का स्थल: संवाद एवं चिंतन” विषय पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राज्य के सभी शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालयों के लिए तैयार किए गए “मानसिक स्वास्थ्य एवं भावनात्मक कल्याण” नामक मॉड्यूल का विमोचन किया गया, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील बनाना और छात्रों के भावनात्मक कल्याण को सुनिश्चित करना है।

मॉड्यूल का विमोचन

पटना के होटल मौर्या में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन वर्ल्डबीइंग इंडिया फाउंडेशन, बिहार शिक्षा परियोजना और राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद् (SCERT) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। मॉड्यूल का विमोचन प्राथमिक शिक्षा की निदेशक श्रीमती सहिला (भा.प्र.से.), SCERT की संयुक्त निदेशक श्रीमती रश्मि प्रभा, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी श्रीमती लालिमा, वर्ल्डबीइंग इंडिया फाउंडेशन की कंट्री डायरेक्टर श्रीमती नंदिता भाटला और SCERT के पूर्व निदेशक डॉ. मोइन ने संयुक्त रूप से किया।

विशेषज्ञों ने रखी अपनी बात

कार्यक्रम में मौजूद विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य को शिक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग बनाने पर जोर दिया।

“मानसिक स्वास्थ्य के बिना कोई स्वास्थ्य नहीं”: नंदिता भाटला

वर्ल्डबीइंग इंडिया फाउंडेशन की कंट्री डायरेक्टर श्रीमती नंदिता भाटला ने संयुक्त राष्ट्र सभा के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि आज मानसिक स्वास्थ्य एक वैश्विक चिंता बन चुका है। उन्होंने “No health, without mental health, any more” पर जोर देते हुए कहा कि बिहार इस दिशा में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है, जहाँ सभी शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालयों के व्याख्याताओं को इस विषय पर प्रशिक्षित किया जा चुका है।

महिला एवं किशोरियों पर विशेष ध्यान की जरूरत: सहिला

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक श्रीमती सहिला ने कहा कि महिला एवं किशोरियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष पहल की जरूरत है। उन्होंने बिहार के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में वर्ल्डबीइंग इंडिया फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की सराहना की।

सहयोग पर आधारित हो शिक्षा: रश्मिप्रभा

SCERT की संयुक्त निदेशक श्रीमती रश्मिप्रभा ने कहा कि हमने अनजाने में शिक्षा को प्रतियोगिता-केंद्रित बना दिया है। बच्चों के बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है कि शिक्षा प्रतियोगिता के बजाय सहयोग पर आधारित हो। उन्होंने कहा कि यह मॉड्यूल अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल होगा।

“पुस्तकों से परे” विषय पर पैनल डिस्कशन

इस अवसर पर “पुस्तकों से परे- छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य क्यों आवश्यक है?” विषय पर एक पैनल डिस्कशन का भी आयोजन किया गया। इसका संचालन आगा खान फाउंडेशन के श्री राफे हुसैन खान ने किया। पैनल में नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ. प्रोफेसर संतोष कुमार, आर्यभट्ट विश्वविद्यालय के पूर्व डीन डॉ. ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी, बिहार विद्यापीठ के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक श्री अजित कुमार एवं श्रीमती रश्मि प्रभा ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रचना ने किया और धन्यवाद ज्ञापन वर्ल्डबीइंग इंडिया फाउंडेशन के स्टेट हेड श्री बिनोद कुमार ने किया।

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