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दिवाली पर बच्चों की आंखों की सुरक्षा जरूरी, हर साल हजारों बच्चे पटाखों से होते हैं घायल
दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है। इस दिन लोग घर सजाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और माँ लक्ष्मी व गणेश जी की पूजा करते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार और भी खास होता है क्योंकि वे पटाखे और फूलझड़ियां जलाकर खूब मस्ती करते हैं। लेकिन यही मस्ती कभी-कभी खतरनाक साबित हो जाती है।
हर साल दिवाली के मौके पर देशभर में करीब दो हजार बच्चों की आंखें पटाखों की वजह से चोटिल होती हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि थोड़ी सी लापरवाही कितनी बड़ी परेशानी में बदल सकती है। पटाखों से निकली चिंगारी या धुआं सीधा आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे जलन, सूजन या स्थायी नुकसान तक हो सकता है।
इसलिए जरूरी है कि दिवाली मनाते वक्त थोड़ी सावधानी जरूर बरती जाए। बच्चों को हमेशा बड़ों की निगरानी में पटाखे फोड़ने चाहिए और आंखों की सुरक्षा के लिए गॉगल्स या चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए।
खुशखबरी यह है कि एएसजी हॉस्पिटल ने इस साल दिवाली के अवसर पर घायल बच्चों के लिए एक विशेष निःशुल्क सेवा शुरू की है। एक साल से लेकर पंद्रह साल तक के बच्चों के लिए 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक मुफ्त आंख जांच और सर्जरी की सुविधा दी जा रही है। इस दौरान ओपीडी और सर्जरी दोनों सेवाएं बिना किसी शुल्क के उपलब्ध रहेंगी।
दिवाली मनाना जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा। थोड़ी सी सावधानी आपकी दिवाली को रोशन और सुरक्षित बना सकती है।
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