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Bihar Election आचार संहिता उल्लंघन: बीजेपी नेता जिवेश मिश्रा पर ब्रांडेड घड़ियां बांटने का आरोप, एनडीए की बढ़ती चुनावी मुश्किलें

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बिहार चुनाव (Bihar Election) की गर्मी में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी के बड़े नेता जिवेश मिश्रा पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। वे अपनी तस्वीर वाली दीवार घड़ियां बांट रहे थे। यह घटना एनडीए गठबंधन के लिए नई मुसीबत ला रही है।

सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि चुनाव के बीच ऐसा कैसे हो सकता है। विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहा है।

जिवेश मिश्रा दरभंगा के जाले विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी हैं। नामांकन की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर थी। इसी बीच उनकी गाड़ी से प्रचार सामग्री बरामद हुई।

यह मामला सिर्फ एक गलती नहीं लगता। विपक्ष कहता है कि यह एक महीने से चल रहा है। गूंगी-बहरी सरकार चुप क्यों है? जनता जवाब मांग रही है।

वायरल विवाद: फोटो और वीडियो से भड़की जनता की नाराजगी

सोशल मीडिया ने इस घटना को आग की तरह फैला दिया। जिवेश मिश्रा की हंसती हुई तस्वीर वाली घड़ियों की तस्वीरें हर जगह दिख रही हैं। लोग इन्हें “नूरानी चेहरा” कहकर मजाक उड़ा रहे हैं।

एक वीडियो में स्कॉर्पियो गाड़ी को रोका गया है। थैलियों से घड़ियां निकल रही हैं। हर घड़ी पर कमल का चिन्ह और मिश्रा की फोटो लगी है। यह देखकर लोग गुस्से में हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी ऋषि मिश्रा ने इसे पकड़ा। उन्होंने कहा कि यह चुनावी चाल है। वायरल क्लिप्स ने पूरे बिहार में हलचल मचा दी। अब कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

यह विवाद स्थानीय स्तर से निकलकर राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गया। बीजेपी की छवि पर सवाल उठ रहे हैं। क्या यह सिर्फ एक चूक है या जानबूझकर?

मुख्य आरोपी: विपक्ष की भूमिका

ऋषि मिश्रा ने गाड़ी रोकी और सामान चेक किया। स्थानीय लोग भी साथ थे। उन्होंने पुलिस को शिकायत की।

कांग्रेस ने कहा कि जिवेश मिश्रा एक महीने से आचार संहिता तोड़ रहे हैं। गाड़ियों पर बीजेपी का झंडा लहरा रहा था। हर गांव में सामान पहुंचाया जा रहा था।

ऋषि मिश्रा ने वीडियो लाइव शेयर किया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को जागना चाहिए। यह उल्लंघन बंद हो। विपक्ष की यह चाल एनडीए को दबाव में डाल रही है।

आरोप की पड़ताल: दरभंगा में प्रचार सामग्री जब्त

घटना दरभंगा के जाले क्षेत्र में हुई। एक स्कॉर्पियो गाड़ी से थैलियां भरी मिलीं। उनमें सैकड़ों दीवार घड़ियां थीं।

पुलिस ने गाड़ी जब्त कर ली। नंबर प्लेट BR06DA8350 थी। ड्राइवर ने कुछ सफाई दी लेकिन सबूत साफ थे।

यह सामग्री दिवाली के बहाने बांटी जानी थी। लेकिन घड़ियों पर प्रत्याशी का फोटो था। यह सीधा आचार संहिता का उल्लंघन है।

लोगों ने कहा कि यह वोट खरीदने की कोशिश है। जब्ती के बाद जांच शुरू हो गई। निर्वाचन आयोग अब सक्रिय हो सकता है।

स्कॉर्पियो से बरामदगी: प्रत्याशी की तस्वीर वाली घड़ियां

स्कॉर्पियो में थैलियां भरी थीं। हर थैले से घड़ियां निकलीं। प्रत्येक पर कमल का फूल और जिवेश मिश्रा की मुस्कुराती फोटो।

यह घड़ियां साधारण नहीं थीं। ये प्रचार का जरिया लग रही थीं। विपक्ष ने कहा कि यह चुनावी हथकंडा है।

बरामदगी के वीडियो में सब साफ दिख रहा है। पुलिस ने रसीद बनाई। अब कोर्ट में केस जा सकता है।

जगह और रोक: जाले विधानसभा में गाड़ी पकड़ी गई

जाले क्षेत्र में बाजार के पास यह ड्रामा हुआ। स्थानीय लोग और ऋषि मिश्रा ने गाड़ी रोकी।

धनकोल बाजार में लाइव रिपोर्टिंग की गई। लोग चिल्ला रहे थे कि आचार संहिता का पालन हो।

गाड़ी पर बीजेपी का नाम लिखा था। जिवेश मिश्रा के नाम से रजिस्टर्ड थी। यह सबूत मजबूत हैं।

उल्लंघन: मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट और निर्वाचन आयोग की जांच

आचार संहिता चुनाव घोषणा के बाद सख्त होती है। कोई भी फ्री गिफ्ट नहीं बांटा जा सकता। खासकर प्रत्याशी की तस्वीर वाली चीजें।

यह नियम वोट प्रभावित करने से रोकता है। घड़ी जैसी चीजें प्रचार सामग्री मानी जाती हैं। जिवेश मिश्रा ने इसे तोड़ा।

निर्वाचन आयोग अब नजर रख रहा है। शिकायत पर कार्रवाई जरूरी है। बिहार चुनाव में ऐसे मामले बढ़ सकते हैं।

चुनाव के दौरान अवैध प्रचार सामग्री की परिभाषा

मॉडल कोड कहता है कि चुनावी सामान पर रोक है। नामांकन के बाद कोई ब्रांडेड आइटम नहीं। घड़ी पर फोटो लगाना गलत है।

यह वोटर को लुभाने का तरीका है। आयोग के नियम साफ हैं। उल्लंघन पर जुर्माना या अयोग्यता हो सकती है।

विपक्ष के दावे: एक महीने से आचार संहिता की अनदेखी

ऋषि मिश्रा ने कहा कि यह पहली बार नहीं। पिछले 30 दिनों से गाड़ियां घूम रही हैं।

हर घर और गांव में सामान पहुंचा। बीजेपी का झंडा लहराते हुए। सरकार ने कुछ नहीं कहा।

विपक्ष बार-बार शिकायत कर चुका है। अब यह वीडियो सबूत हैं। कार्रवाई होनी चाहिए।

जिवेश मिश्रा का बचाव और कार्रवाई की बढ़ती मांग

जिवेश मिश्रा ने कहा कि आयोग से इजाजत थी। लेकिन विपक्ष इसे झूठ मानता है। गाड़ी जब्त होने पर सफाई दी।

लोगों ने वोट न देने की अपील की। “एक-एक वोट की चोट” का नारा लग रहा है।

यह विवाद एनडीए को कमजोर कर रहा है। बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

प्रत्याशी का रुख: निर्वाचन आयोग से पूर्व अनुमति का दावा

मिश्रा का कहना है कि घड़ियां दिवाली गिफ्ट हैं। आयोग ने मंजूरी दी थी। लेकिन दस्तावेज नहीं दिखाए।

विपक्ष ने कहा कि यह बहाना है। फोटो लगी घड़ियां प्रचार हैं। इजाजत का झूठा दावा।

अब जांच में सच्चाई सामने आएगी। अगर झूठ पकड़ा गया तो बड़ा झटका।

जनता और राजनीतिक दबाव: त्वरित जवाबदेही की मांग

लोग सड़कों पर हैं। “भ्रष्ट विधायक” कहकर नारेबाजी। कार्रवाई की मांग तेज।

कांग्रेस ने कहा कि जिवेश को सजा दो। निर्वाचन आयोग जागो। जनता इंतजार कर रही है।

यह दबाव पूरे चुनाव को प्रभावित करेगा। ईमानदारी पर सवाल उठे हैं

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