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वरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवास को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’, पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान
रांची, विशेष प्रतिनिधि
पत्रकारिता जगत के लिए गर्व का क्षण—वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी श्रीनिवास को उनके लंबे, निष्पक्ष और सामाजिक दृष्टिकोण वाले पत्रकारिता जीवन के लिए “लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड” से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।
यह सम्मान रांची प्रेस क्लब और किसी वैदिक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में प्रदान किया जाएगा।
श्रीनिवास जी के साथ-साथ कुछ अन्य वरिष्ठ पत्रकारों और छायाकारों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।
पत्रकारिता से पहले जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका
श्रीनिवास जी केवल पत्रकार ही नहीं, बल्कि एक सक्रिय समाजसेवी भी रहे हैं।
पत्रकारिता में कदम रखने से पहले उन्होंने बिहार के जेपी आंदोलन में भाग लिया और संघर्ष वाहिनी के सदस्य के रूप में बोधगया महंत के खिलाफ भूमि संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनका यह संघर्षशील जीवन उन्हें हमेशा जमीन से जोड़े रखता है — यही उनकी पत्रकारिता की मूल पहचान बनी।
पत्रकारिता में परिवार की परंपरा
श्रीनिवास जी का परिवार भी पत्रकारिता और सामाजिक आंदोलनों से गहराई से जुड़ा रहा है।
उनकी दिवंगत पत्नी कनक जी स्वयं समाजसेवी रहीं, और परिवार के कई सदस्य पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
- कुमुद जी के पति मधुकर प्रभात खबर के विशेष संवाददाता रहे।
- कंचन जी के पति व्रजेश वर्मा हिंदुस्तान टाइम्स में वरिष्ठ पत्रकार रहे और उन्होंने गांधी-जिन्ना पर केंद्रित चर्चित पुस्तक लिखी।
- हेमंत जी, जो मूल रूप से इंजीनियर और तेलुगु भाषी थे, हिंदुस्तान के वरिष्ठ पत्रकार रहे और “झारखंड” तथा “जब नदी बंधी” जैसी पुस्तकें लिखीं।
लेखक स्वयं भी पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं और आज भी इस पेशे के प्रति गहरा सम्मान और लगाव रखते हैं।
निष्पक्ष और संवेदनशील दृष्टिकोण के प्रतीक
श्रीनिवास जी को हमेशा एक ऐसे पत्रकार के रूप में जाना गया,
जिन्होंने सच्चाई से कभी समझौता नहीं किया।
उनकी लेखनी में समाज की अच्छाई और बुराई दोनों को देखने का नजरिया है —
जहां वे अच्छे में अच्छाई और बुरे में भी सीखने योग्य बात ढूंढ लेते थे।
उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य सिर्फ खबर देना नहीं,
बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जिम्मेदार दृष्टिकोण स्थापित करना था।
“अवार्ड तो हर समय उनके साथ ही रहा है,
क्योंकि उन्होंने जीवनभर पत्रकारिता को ईमानदारी और मिशन की तरह निभाया।”
सम्मान का सार
यह अवॉर्ड न केवल श्रीनिवास जी की उपलब्धियों का सम्मान है,
बल्कि उस पत्रकारिता की भी पहचान है जो विचार, मूल्य और ईमानदारी से प्रेरित होती है।
रांची प्रेस क्लब का यह कदम पत्रकार समुदाय के लिए प्रेरणास्रोत बन सकता है।
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