Vimarsh News
Khabro Me Aage, Khabro k Pichhe

Mahagathabandhan का घोषणा पत्र जारी: विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में टिकट बिक्री के आरोप

grand alliance manifesto released Allegations of ticket selling within the 20251028 185517 0000
0 37

बिहार की राजनीति में तूफान आ गया है। महागठबंधन (Mahagathabandhan) ने अपना संकल्प पत्र जारी किया, लेकिन इस मौके पर कांग्रेस के बड़े नेता गायब थे। चुनाव नजदीक आते ही आंतरिक कलह ने सबकी नींद उड़ा दी है। टिकट बेचने के गंभीर आरोप लगे हैं, जो महागठबंधन की एकता को चुनौती दे रहे हैं। यह विवाद बिहार विधानसभा चुनाव की दौड़ को और रोचक बना रहा है।

संकट गहराता जा रहा: प्रमुख नेता मेनिफेस्टो लॉन्च से दूर

महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव के नाम पर संकल्प पत्र जारी हुआ। लेकिन बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अलवरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम कहीं नजर नहीं आए। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस चुनावी वादों को मजबूत करने के लिए थी। उनकी गैरमौजूदगी ने सवाल खड़े कर दिए।

राष्ट्रीय स्तर के कई नेता मौजूद थे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह स्टेज पर दिखे। उनकी उपस्थिति ने कुछ हद तक संतुलन बनाया। लेकिन वर्तमान नेताओं की अनुपस्थिति ने आंतरिक कलह की पोल खोल दी। यह घटना महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठाती है।

टिकट बिक्री के आरोपों का साया

कांग्रेस के अंदर टिकट चोरी और बिक्री के आरोप जोर पकड़ चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी पर ही ये इल्जाम लगे हैं। पार्टी के कई नेता खुले तौर पर विरोध कर रहे हैं। ये विवाद अब सार्वजनिक हो गए हैं।

यह सब चुनाव से ठीक पहले हो रहा है। विपक्षी दल इसे हथियार बनाएंगे। कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। आंतरिक झगड़े से वोटरों का भरोसा डगमगा सकता है।

कांग्रेस का बचाव: पवन खेरा की आधिकारिक सफाई

मीडिया ने अनुपस्थिति पर सवाल किए। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सभी नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। अगर वे यहां होते, तो आप पूछते कि प्रचार क्यों नहीं कर रहे।

खेरा ने आगे बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी कल से प्रचार शुरू करेंगे। प्रियंका गांधी और अन्य नेता भी जुड़ेंगे। अखिलेश यादव को लाने में भी मुश्किल हुई क्योंकि वे प्रचार में लगे हैं। यह सफाई रक्षात्मक लगी।

प्रचार प्राथमिकताओं पर सवाल

मेनिफेस्टो लॉन्च इतना महत्वपूर्ण था। फिर भी व्यस्तता का बहाना कितना जायज? शक पैदा हो रहा है। राष्ट्रीय नेताओं का जल्द शामिल होना भरोसा जगाता है। लेकिन राज्य स्तर की समस्या बरकरार है।

यह बहाना आंतरिक विवाद को छिपाने का प्रयास लगता है। चुनावी रणनीति में एकता जरूरी है। बिना इसके महागठबंधन कमजोर पड़ सकता है। वोटर क्या सोचेंगे, यह बड़ा सवाल है।

आंतरिक दरारें और गठबंधन की छवि

प्रमुख राज्य नेताओं की अनुपस्थिति ने राजनीतिक नुकसान किया। यह महागठबंधन के बड़े ऐलान के दौरान हुआ। आंतरिक एकता की कमी साफ दिखी। प्रबंधन में चुनौतियां उजागर हो गईं।

विपक्ष इसे भुनाएगा। सत्ताधारी दल बिहार कांग्रेस संकट को मुद्दा बनाएंगे। चुनावी मैदान में यह कमजोरी साबित हो सकती है। गठबंधन का संदेश बिखर गया।

आंतरिक झगड़े से वोटर भ्रमित होते हैं।
एकजुट दिखना जरूरी है, वरना हार निश्चित।
ये विवाद समाचार चैनलों पर छाए रहेंगे।
पूर्व नेतृत्व की उपस्थिति स्थिरता लाती

अखिलेश प्रसाद सिंह की मौजूदगी ने कुछ राहत दी। वे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्थिरता का संदेश दिया। वर्तमान नेताओं पर आरोपों के बीच यह महत्वपूर्ण था।

गठबंधन सत्ताधारी दल के खिलाफ एकजुट दिखना चाहता था। लेकिन आंतरिक कलह ने योजना बिगाड़ दी। पूर्व नेता की भूमिका ने विवाद को कम करने की कोशिश की। फिर भी समस्या जड़ से बनी हुई है।

यह तुलना बताती है कि कांग्रेस में बदलाव की जरूरत है। नया नेतृत्व चुनौतियों से निपटे। गठबंधन की मजबूती इसी पर टिकी है।

निष्कर्ष: बिहार चुनाव से पहले राजनीतिक खदान नेविगेट करना

महागठबंधन का संकल्प पत्र जारी हुआ, लेकिन ध्यान आंतरिक विवाद पर चला गया। टिकट बिक्री के आरोपों ने बिहार कांग्रेस को घेर लिया। राज्य नेतृत्व की अनुपस्थिति ने संकट को गहरा किया।

कुंजी बिंदु यह है कि कांग्रेस को विश्वसनीयता बहाल करनी होगी। टॉप अधिकारियों पर लगे इल्जामों का सामना करना पड़ेगा। एकजुट दिखना जरूरी है, क्योंकि विपक्ष कमजोरी का फायदा उठाएगा।

बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। महागठबंधन को आंतरिक सुधार तेज करने होंगे। वोटरों को वादों पर भरोसा दिलाना होगा। क्या कांग्रेस इस संकट से उबर पाएगी? समय बताएगा। आप क्या सोचते हैं, कमेंट में बताएं। इस मुद्दे पर नजर रखें, क्योंकि राजनीति में कुछ भी हो सकता है।

इसे भी पढ़ें – Madhya Pradesh कफ सिरप त्रासदी: दिग्विजय सिंह का BJP पर चुनावी चंदे का गंभीर आरोप

Leave a comment